जींद
अपने सख्त फरमानों के लिए जाने जानी वाली हरियाणा की खाप पंचायत ने इस बार एक अनोखी पहल की है। हरियाणा के जींद जिले की बरसोला ग्राम पंचायत ने अपने पंचायत के सभी गांव के युवक-युवतियों को अंतर जातीय विवाह करने की स्वीकृति देते हुए उनका साथ देने का ऐलान किया है। जींद के बरसोला गांव के में रहने वाले खेड़ा खाप के प्रधान सतबीर पहलवान ने इस साल यह ऐलान किया है कि उनकी पंचायत के तहत आने वाले 24 गांव के दो लाख लोग अब प्रेम विवाह और अंतरजातीय विवाह का विरोध नहीं करेंगे। ऐसे में ऐसी शादियां करने वाले लोगों को किसी भी तरह के डर में रहने की जरूरत नहीं है।
इससे पहले हरियाणा की खाप पंचायतें लगातार अंतरजातीय विवाह का विरोध करती रही हैं। हरियाणा में प्रेम विवाह और इंटर कास्ट मैरेज के कुछ मामलों में हॉरर किलिंग के मामले में सामने आ चुके हैं। ऐसे में बरसोला गांव के लोगों का यह फैसला हरियाणा में सामाजिक बदलाव के एक बड़े फैसले के रूप में देखा जा रहा है। खेड़ा खाप के इस फैसले को सही ठहराते हुए सतबीर कहते हैं कि अगर बच्चे इस फैसले के लिए राजी हैं तो इसमें बुराई क्या है? वहीं सतबीर की मां मूर्ति कहती हैं, 'जब दोनों के मन मिल गए तो हमें इससे क्या करना है।'
लव मैरेज का विरोध ना करने से साथ ही खेड़ा गांव के लोगों ने अब अपने नाम के साथ जाति का नाम नहीं बल्कि अपने गांव का नाम उपनाम के तौर पर इस्तेमाल करने का फैसला किया है। खुद प्रधान सतबीर सिंह अब अपने पहलवानी के पेशे के कारण अपने नाम के आगे पहलवान उपनाम लगाते हैं। भले ही सतबीर ने लीक से हटकर यह फैसला किया हो, लेकिन गांव के लोगों का कहना है कि जाति प्रथा से ऊपर उठकर अब वह एक नई शुरुआत कर चुके हैं। लोग मानते हैं कि लोगों की प्रतिभा के आधार पर उनका निर्धारण होने से समाज में बराबरी आ सकेगी। इसके अलावा लोग जातिप्रथा जैसे मुद्दों से उठकर बच्चों को शिक्षा और रोजगार के लिए सक्षम बनाने के लिए काम कर रहे हैं।