जयपुर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(RSS) के अखिल भारतीय समन्वय और प्रतिनिधिमंडल बैठक के लिए राजस्थान के पुष्कर में पहुंचे सर संघचालक मोहन भागवत के सामने फिर आरक्षण का मुद्दा उठा. इस बार मुद्दा उठाने वाले पुष्कर के पुरोहित थे. आरक्षण पर पूर्व के बयानों पर मचे सियासी घमासान को देखते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने इस मसले पर किसी तरह की चर्चा से इन्कार किया. उन्होंने पुजारियों से कहा पूजापाठ के समय झगड़े की बात क्यों करते हो?
बीते 18 अगस्त को नई दिल्ली में प्रतियोगी छात्रों के एक सम्मेलन में संघ प्रमुख ने सौहार्दपूर्ण माहौल में आरक्षण पर चर्चा की बात कही थी तो बाद में बीजेपी के विरोधी दलों ने इसे आरक्षण खत्म करने की साजिश बताते हुए हंगामा खड़ा कर दिया था. माना जा रहा है कि मामले की नजाकत को भांपते हुए संघ प्रमुख अब आरक्षण पर किसी तरह की चर्चा से बचने की कोशिश कर रहे.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय समन्वय बैठक 7 सितंबर से शुरू होगी. यह बैठक मोहन भागवत की अध्यक्षता में होगी. जिसमें बीजेपी के प्रमुख नेताओं सहित संघ के सभी 36 अनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारी भी भाग लेंगे. बैठक में शामिल होने के लिए संघ प्रमुख मंगलवार की शाम ही पुष्कर पहुंचे हैं. उनके यहां पहुंचने पर श्याम शरण देवाचार्य जी महाराज ने मीरा के आराध्य देव गिरधर गोपाल परशुराम मंदिर में उनका माला पहनाकर स्वागत किया और मंदिर के इतिहास के बारे में बताया.
पुष्कर की पूजा अर्चना के बाद मोहन भागवत ने जगद्गुरु निंबार्काचार्य महाराज से धर्म पर भी चर्चा की.भागवत 11 सितंबर तक पुष्कर में ही रहेंगे. इस दौरान वे विभिन्न स्तर पर होने वाली बैठकों में शामिल होंगे. पुष्कर के पुरोहितों ने सरोवर घाट पर मोहन भागवत की पूजा अर्चना करवाई .मोहन भागवत से पुष्कर के पुरोहितों ने दक्षिणा में देश से आरक्षण का खात्मा मांगा.
पुरोहितों के बार छात्रों का भविष्य खराब होने की बात कहते हुए आरक्षण हटाने की बात की गई तो संघ प्रमुख भागवत ने कहा कि पूजा पाठ के समय झगड़े वाली बात क्यों करते हो और वह उठकर निकल गए. सरसंघचालक 11 सितंबर तक पुष्कर में रहेंगे. बता दें कि अखिल भारतीय समन्वय बैठक में संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्यों सहित तीन दर्जन संगठनों के करीब 200 अखिल भारतीय पदाधिकारी शामिल होंगे.