मंगलोर
कर्नाटक के मंगलोर में नए नागरिकता कानून के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन के हिंसक होने के बाद पुलिस फायरिंग में दो लोगों की मौत हो गई थी. बताया गया कि प्रदर्शन पर काबू पाने के लिए पुलिस ने फायरिंग की थी, इस दौरान दोनों पुलिस की गोली के शिकार हो गए.
अब पीड़ित परिजनों के लिए कर्नाटक सरकार ने 10-10 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है. इससे पहले कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने मंगलोर फायरिंग में जान गंवाने वाले एक शख्स के घर का दौरा किया.
वहीं, जीलल के परिवार वालों ने उनकी मौत के लिए मंगलोर पुलिस कमिश्नर पीएस हर्ष और पुलिस को जिम्मेदार बताया. उन लोगों ने कहा कि वहां 7 से 9 हजार की भीड़ नहीं थी, बल्कि लगभग 50 से 100 लोग थे, वो इतने भी लोगों को कैसे मैनेज नहीं कर सकते थे.
परिवारवालों का कहना है, 'जलील बच्चे को लेने गए थे, बच्चे की स्कूल से छूट्टी हो गई थी और स्कूल वैन ने उसे बीच में ही छोड़ दिया था, इसलिए जलील अपने बच्चे को लेने गए थे. यह हादसा शाम 5 बजे के करीब हुआ, जब जलील अपने बच्चे को घर छोड़ बाहर गए, तभी पुलिस ने उन्हें गोली मार दी.
वहीं, तमिलनाडु बीजेपी के नेता ने मंगलोर में पुलिस फायरिंग का बचाव किया है और कहा है कि पुलिस बंदूक या ईंट से हमला होने पर उसी तरह से जवाब देगी. बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव एच राजा ने शुक्रवार को चेन्नई में कहा, 'बंदूक का जवाब हम बंदूक से देंगे.' एच राजा मंगलोर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शन की चर्चा कर रहे थे.
एच राजा ने कहा, 'प्रदर्शनकारी सैकड़ों लोगों को मारना चाहते थे, इसलिए पुलिस के पास कोई चारा नहीं था और उन्हें फायरिंग करनी पड़ी.' एच राजा ने कहा कि प्रदर्शनकारियों की मंशा पूरे देश में आग लगा देने की थी, पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया.
बता दें कि कर्नाटक में हिंसा के बाद 22 दिसंबर तक कर्फ्यू का ऐलान किया गया है.