तिरुवनंतपुरम
नागरिकता संशोधन ऐक्ट को लेकर देशव्यापी विरोध के बीच केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने इसका समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सीएए के तहत महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू के उस वादे को पूरा किया है, जो उन्होंने उन लोगों से किए थे जो पाकिस्तान में दुखद जीवन जी रहे थे। उन्होंने कहा कि इस कानून की बुनियाद साल 1985 और 2003 में रखी गई थी। मोदी सरकार ने केवल इसे कानूनी जामा पहनाया है।
कानून में मुसलमान शरणार्थियों को जगह न मिलने के सवाल पर राज्यपाल ने कहा कि पाकिस्तान एक मुस्लिम राष्ट्र के तौर पर बनाया गया था। ऐसे में क्या वे लोग मुस्लिमों को भी प्रताड़ित करेंगे। उन्होंने कहा, ' मैं मानता हूं कि मुस्लिम पाकिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए लेकिन इसलिए नहीं कि उन्हें प्रताड़ित किया गया था। वे यहां आर्थिक अवसरों की तलाश में आए थे।
बता दें कि नागरिकता संशोधन ऐक्ट को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है। केंद्र द्वारा लाए गए इस कानून को कई प्रदेशों ने अपने यहां लागू करने से इनकार कर दिया है। नागरिकता का यह कानून पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, बौद्ध, इसाई समेत 6 गैर-मुस्लिम समुदाय के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान करता है।