पटना
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) व एनआरसी के खिलाफ ‘बिहार बंद’ का राज्य में व्यापक असर रहा। छिटपुट हिंसा के बीच पूरे सूबे में जनजीवन ठप रहा। पटना के फुलवारीशरीफ में दो गुट भिड़ गए। इस दौरान पथराव हुआ। दोनों ओर से चलीं गोलियों में छह लोग जख्मी हो गए। आधा दर्जन पुलिसकर्मी भी घायल हैं। यहां पुलिस ने पहले लाठीचार्ज किया। फिर भी भीड़ शांत नहीं हुई तो हवाई फायरिंग करनी पड़ी। करीब ढाई सौ राउंड आंसू गैस के गोले दागे गये।
राजद द्वारा आहूत इस बंद को विपक्ष का पूरा समर्थन मिला। बंद में राजद के साथ ही महागठबंधन के सभी घटक दलों व वामदलों के नेता और कार्यकर्ता सड़क पर उतरे। बंद के दौरान राज्य में एनएच समेत प्रमुख सड़कों पर आवागमन बाधित रहा। एनएच पर जहां-तहां लगी ट्रकों की लंबी कतार लग गईं। कई जगहों पर ट्रेनें भी रोकी गईं।
पटना में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने डाकबंगला चौराहे पर सभा की। वहां बंद के समर्थन में रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदनमोहन झा भी पहुंचे। पांच घंटे तक पटना का डाकबंगला चौराहा प्रदर्शनकारियों के कब्जे में रहा। पटना के एक स्थानीय इलाके में बंद के दौरान गोली चलने से चार घायल हो गए। उपद्रवियों ने पत्रकारों को पीटा। कैमरे तोड़े। इससे एक फोटो जर्नलिस्ट का सिर फट गया।
कोसी, सीमांचल और पूर्वी बिहार में बंद असरदार रहा। मुंगेर में बंद समर्थकों के पथराव में छह लोग जख्मी हो गए। कटिहार के मनसाही में प्रदर्शनकारियों ने बाइकें फूंक दी। सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर में बंद समर्थकों ने उत्पात मचाया। भागलपुर में इग्नू की परीक्षा दे रहे छात्रों की कॉपियां फाड़ दी। चंपानगर में हंगामा कर रही भीड़ पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। उत्तर बिहार में बंद समर्थकों ने सभी एनएच पर आवागमन बाधित किया। कई जगह ट्रेनें रोकीं। सीतामढ़ी में पूर्व सांसद सीताराम यादव, विधायक सहित 18 लोग हिरासत में लिये गये। दरभंगा में तीन जगहों पर झड़प हुई। यहां 250 से अधिक लोगों ने गिरफ्तारी दी। गया के मानपुर में बंद समर्थकों ने कपड़े की एक दुकान में तोड़फोड़ की। बोधगया में बंद का असर नहीं दिखा। धनबाद- गया इंटरसिटी सहित कई ट्रेनों का परिचालन रद्द रहा।