हरी-हरी ताजा मटर देखकर किसी का भी जी ललचाने लगता है…सर्दियों में तो मटर के साथ के बिना पोहा, पुलाव, पनीर और मिक्स वेज, हर चीज का स्वाद अधूरा लगता है। लेकिन क्या आपने मटर का पराठा टेस्ट किया है? अगर अब तक नहीं तो जरूर खाएं…एक बार खाएंगे तो हर बार मटर का पराठा देखकर लार टपकेगी…
यम-यम है इसका स्वाद
ताजा मटर का स्वाद लाजबाव होता है। मटर का पराठा देसी घी, कोकोनट वर्जिन ऑइल या सरसों तेल में बनवाकर खाया जाए तो इसका स्वाद कई गुना बढ़ जाता है। साथ ही पोषण भी अधिक मिलता है।
कोलेस्ट्रोल में फायदेमंद
मटर को कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करनेवाली सब्जी माना जाता है। यह ब्लड में कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियंत्रित कर आपको फिट रखता है।
प्रोटीन और विटमिन्स
हरी और ताजा मटर में प्रोटीन और विटमिन-K पाया जाता है। इसके सेवन से हड्डियां मजबूत होती हैं। देसी घी में बना मटर का पराठा दिनभर के लिए एनर्जी और मेंटल पीस देता है।
फैट नहीं न्यूट्रिशन
अगर आपको पराठा शब्द सुनते ही फैट बढ़ने का डर सताने लगता है तो इस डर को दूर कर दें। क्योंकि मटर फैट बढ़ाने का काम नहीं करती और देसी घी शरीर को पोषण देने का काम करता है।
दिल को रखे स्वस्थ
नैचरल शुगर, नो फैट और लो कॉलेस्ट्रॉल करने जैसी खूबियों के साथ मटर हमारे दिल की सेहत को बनाए रखने का काम करती है। बटर के साथ या रिफाइंड में नहीं शुद्ध घी और वर्जिन कोकोनट ऑइल में बना पराठा खाएं।
कैंसर से रोकथाम
विशेषज्ञों का मानना है कि ऑर्गेनिक तरीके से उगाई गई मटर न्यूट्रिशन से भरपूर होती है। इसके नियमित सेवन से कैंसर सेल्स डिवेलप नहीं हो पाती हैं। तो क्यों ना अलग-अलग फोर्म में हर दिन मटर खाई जाए।
फाइबर का फायदा
मटर के दाने फाइबर से भरपूर होते हैं। जिन लोगों को कब्ज की समस्या रहती है, उन्हें हरी मटर का पराठा, मटर की चटनी और मटर की सब्जी जरूर खानी चाहिए। सुबह के वक्त मटर का पराठा खाने से दिनभर एनर्जी भी मिलेगी और पेट में भारीपन भी नहीं लगेगा।