जयपुर
2008 में जयपुर में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के मामले में अदालत ने चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है. इन दोषियों में सैफुर रहमान, सरवर आजमी, सलमान और मोहम्मद सैफ शामिल है. इससे पहले अदालत ने 18 दिसंबर को सुनवाई करते हुए इन चारों आरोपियों को इस मामले में दोषी करार दिया था.
एक बाद एक 8 धमाके और मौत का मंजर
बता दें कि वो 13 मई 2008 का दिन था. जयपुर शहर रोज की तरह गुलजार था. पूरा दिन आराम से गुजर गया था. दिन ढ़लता जा रहा था. जयपुर शहर को शाम अपनी आगोश में लेती जा रही थी. अचानक एक धमाके ने राजधानी जयपुर को दहला कर रख दिया. इससे पहले कि लोग कुछ समझ पाते एक बाद एक अलग-अलग जगहों पर 8 सिलसिलेवार धमाकों ने पूरे जयपुर शहर को दहल दिया.
12 मिनट 8 धमाके
हैरानी की बात ये थी कि महज 12 मिनट की अवधि के भीतर जयपुर शहर की घनी आबादी वाले 8 स्थानों पर बम धमाके हुए थे. जबकि एक बम को को नष्ट किया गया था. धमाकों की जगह पर खौफनाक मंजर था. हर तरफ धूल का गुबार था. ज़मीन खून से लाल थी. हर तरफ लाशें बिखरी पड़ी थीं. हर जगह हाहाकार मचा हुआ था. लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे. घायल लोग तड़प रहे थे. वो मंजर देखकर लोग सहम गए थे.
मारे गए थे 71 लोग
इन सिलसिलेवार धमाकों में कुल मिलाकर 71 लोग मारे गए थे. ये सारे धमाके हवा महल के आस-पास के इलाकों में किए गए थे. ये धमाके त्रिपोलिया बाजार, जौहरी बाजार, माणक चौक, बड़ी चोपड़ और छोटी चोपड़ पर हुए थे. इन धमाकों में करीब 176 लोग घायल हो गए थे. जिनको उपचार के लिए अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया था.
साइकिलों में लगाए थे बम
आतंकियों ने इन धमाकों को अंजाम देने के लिए नया तरीका निकाला था. सभी बम साइकिलों में लगाए गए थे. ये साइकिलें टारगेट किए गए इलाकों में खड़ी कर दी गई थीं. ये सभी इलाके ऐसे थे, जहां आम लोगों के साथ-साथ विदेशी पर्यटक भी भारी संख्या में आते हैं.
मोबाइल और टेलीफोन लाइने जाम
उस दिन सिलसिलेवार धमाकों के बाद काफी देर तक जयपुर शहर की मोबाइल और टेलीफोन लाइनें जाम हो गईं थीं. जिससे दूसरे शहरों में मौजूद लोग अपने परिजनों और रिश्तेदारों की खैरियत जानने के लिए परेशान होते रहे थे. काफी घंटे बाद मोबाइल सेवा ठीक से चल पाई थी.
2 किमी के दायरे में हुए थे धमाके
ये सभी सिलसिलेवार धमाके दो किलोमीटर के दायरे में हुए थे. पुलिस के मुताबिक हनुमान मंदिर के निकट बम निरोधक दस्ते ने एक बम को निष्क्रिय कर दिया था. धमाके इतने शक्तिशाली थे कि कुछ लोगों के जिस्म तो कुछ फुट ऊपर तक उड़ गए थे. हमले की साजिश काफी सावधानी से रची गई थी. राजस्थान के तत्कालीन पुलिस महानिदेशक ए.एस. गिल ने कहा था कि यह आतंकवादी हमला था.
11 संदिग्ध हुए थे नामजद
जयपुर ब्लास्ट मामले में एटीएस ने 11 आतंकियों को नामजद किया था. इस मामले में पांच आरोपियों को एटीएस राजस्थान ने गिरफ्तार कर लिया था. वहीं हैदराबाद पुलिस ने इस मामले से जुड़े दो आंतकियों को गिरफ्तार किया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भी एक आतंकी को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की थी. वहीं तीन आरोपी मामले में अभी भी फरार है.