भोपाल
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हर्ष यादव ने मंत्रालय में आयोजित विभागीय परामर्शदात्री समिति की बैठक में बताया कि मध्यप्रदेश में उत्पादित सौर ऊर्जा से न सिर्फ दिल्ली की मेट्रो रेल का संचालन हो रहा है बल्कि अन्य राज्य भी इसे खरीदने के इच्छुक हैं। उन्होंने कहा कि शासकीय भवनों में रूफ टॉप संयंत्र स्थापित करने की बात हो या पवन ऊर्जा के प्रयोग की, मध्यप्रदेश इस क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। बैठक में समिति के सदस्य विधायक ओ.पी.एस. भदौरिया, वीरेन्द्र रघुवंशी, प्रमुख सचिव नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मनु वास्तव, प्रबंध संचालक म.प्र. ऊर्जा विकास निगम राजीव रंजन मीना उपस्थित थे।
मंत्री हर्ष यादव ने समिति के विधायक सदस्यों के सुझावों पर क्रियान्वयन के निर्देश दिये। बैठक में विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी ने बताया कि आने वाला समय पर्यावरण हितैषी और प्रदूषण विरोधी नवकरणीय ऊर्जा का ही है। दिनों-दिन अक्षय ऊर्जा साधनों का प्रयोग बढ़ रहा है। विधायक ओ.पी.एस. भदौरिया ने कहा कि उन्होंने स्वयं 2 हार्स पॉवर के सोलर पम्प का प्रयोग किया है जो काफी सफल है। यह एक मितव्ययी साधन है। मंत्री यादव ने आशा व्यक्त की प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में जन-प्रतिनिधियों के सहयोग से शीघ्र ही बहुत अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे।
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में अभी 2071 मेगावॉट सोलर और 2444 मेगावॉट विंड एनर्जी का इस्तेमाल हो रहा है। प्रदेश ने सौर ऊर्जा के अधिकाधिक उपयोग पर फोकस करते हुए रीवा परियोजना से पूरी 750 मेगावॉट सौर ऊर्जा प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की है। मंदसौर में एनटीपीसी की 250 मेगावॉट क्षमता की इकाई भी सुगम तरीके से कार्य कर रही है। सोलर पार्कों के विकास की योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। शीघ्र ही मुरैना, सागर और छतरपुर जिलों में नए सौर संयंत्र लगाए जायेंगे। प्रदेश में 2 लाख सोलर पंप लगाए जाने का कार्य प्रारंभ किया गया है। करीब 300 महाविद्यालयों में रूफटॉप संयंत्र के माध्यम से लगभग सवा दो रूपये प्रति यूनिट की सस्ती दर से बिजली प्राप्त की जा रही है। पूर्व में यह बिजली 7 रूपये 40 पैसे की दर से मिलती थी।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में कृषकों को सोलर पंप की स्थापना के लिये 90 प्रतिशत अनुदान की व्यवस्था होने से आने वाले समय में पूरे प्रदेश में इसके उपयोग में वृद्धि होगी। पिछले एक वर्ष में नीमच, आगर-मालवा और शाजापुर में सोलर पार्क के लिए मंजूरी दी गई। ओंकारेश्वर जलाशय से फ्लोटिंग प्लांट के माध्यम से मंधाता में अनुमानित 17 हजार मेगावॉट सौर ऊर्जा परियोजना के प्रथम चरण में एक हजार मेगावाट विद्युत उत्पादन के कार्य का भी क्रियान्वयन शीघ्र किया जायेगा।