भोपाल
आयुक्त, लोक शिक्षण श्रीमती जयकियावत ने आज यहां इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में तीन दिवसीय राष्ट्रीय बालरंग महोत्सव का शुभारंभ किया। उन्होंने इस मौके पर बाल-पत्र का विमोचन किया और महोत्सव में आए बच्चों से बात की।
श्रीमती जयकियावत ने कहा कि राष्ट्रीय बालरंग महोत्सव ने प्रदेश को विशिष्ट पहचान दिलाई है। यह महोत्सव वास्तव में बच्चों को सीखने-सिखाने की गतिविधियों का महापर्व है। उन्होंने उम्मीद जताई कि देश की वैभवशाली सांस्कृतिक धरोहर नृत्य, गायन, वादन और अन्य कलाओं में विद्यार्थी बालरंग से प्रेरणा लेकर बड़े मंचों पर अपनी बेहतर प्रस्तुतियाँ देंगे।
राष्ट्रीय बालरंग महोत्सव में पहले दिन बच्चों ने सांस्कृतिक, साहित्यिक, संस्कृत और योग की आकर्षक प्रस्तुतियाँ दीं। प्रतियोगिताओं में दिव्यांग बच्चों की प्रस्तुतियाँ आकर्षण का केन्द्र रहीं। महोत्सव में लघु भारत प्रदर्शनी 'समर्थ' आयोजित की गई है। इसमें विभिन्न राज्यों की संस्कृति एवं गौरवशाली परम्पराओं को आकर्षक ढंग से प्रदर्शित किया गया है। प्रदर्शनी में स्कूली विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न योजनाओं और गतिविधियों का प्रदर्शन किया गया है। महोत्सव में स्कूली बच्चों ने प्रदेश के प्रसिद्ध व्यंजनों के स्टॉल्स भी लगाये हैं।
बालरंग महोत्सव में आज पहले दिन बच्चों की राज्य-स्तरीय प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं। इसमें संभागीय स्तर के स्कूली बच्चों ने आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं। महोत्सव में 20-21 दिसम्बर को राष्ट्रीय लोक-नृत्य प्रतियोगिता होगी। इस महोत्सव में बच्चों को स्काउट कैम्प में जंगल कैम्प, रिवर क्रॉसिंग, मंकी ब्रिज, कमाण्डो ब्रिज की जानकारी दी जा रही है।
राज्यपाल करेंगे समारोह का शुभारंभ
राज्यपाललालजी टण्डन 20 दिसम्बर को सुबह 11 बजे राष्ट्रीय बालरंग समारोह का शुभारंभ करेंगे। समारोह में देश के 13 राज्यों के स्कूली बच्चे सहभागिता कर रहे हैं। राष्ट्रीय बालरंग समारोह में विभिन्न राज्यों के बच्चों द्वारा लोक-नृत्यों की प्रस्तुतियाँ दी जायेंगी।