पटना
पटना सिविल कोर्ट में स्टिंग ऑपरेशन में रिश्वतखोरी दिखाए जाने के बाद भी दोषी कर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज न किये जाने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट प्रशासन को जवाब देने के लिए 23 सितंबर तक का समय दिया है।
इसके पूर्व इस मामले को हाईकोर्ट में दायर करने वाले वकील दिनेश ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कोर्ट को बताया कि सिविल कोर्ट के कर्मी को खुलेआम पैसे की मांग करते पूरे देश ने देखा है, इसकी जांच की गई। जांच में भी पैसा मांगने की बात कही गई है, लेकिन हाईकोर्ट प्रशासन द्वारा कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा रही है। वहीं, हाईकोर्ट के वकील ने कोर्ट को बताया कि कर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि गत माह ओरिजनल सीडी मिली है।
हाईकोर्ट प्रशासन पूरा तथ्य कोर्ट के सामने लाना चाहता है। उन्होंने एक मौका देने का अनुरोध कोर्ट से किया। कोर्ट ने उनके अनुरोध को मंजूर करते हुए मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 23 सितंबर तय की।