भोपाल
मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बुधवार को विधानसभा परिसर में हुई बैठक में भेड़ाघाट नगर जबलपुर में उप क्षेत्रीय विज्ञान केन्द्र की स्थापना का निर्णय लिया गया। सब-रीजनल साइंस सेन्टर कैटेगरी-2 की स्थापना/संचालन के लिये मानव संसाधनों की उपलब्धता के लिये मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिसर में 8 पदों को आउटसोर्स/संविदा आधार पर भरने के लिये सृजित करने की मंजूरी दी। इसमें क्यूरेटर और एज्यूकेशन असिसटेन्ट के एक-एक पद, टेक्नीशियन के 4, लोअर डिविजन क्लर्क/ऑफिस असिसटेन्ट के 2 पद शामिल हैं।
मंत्रि-परिषद ने महिला-बाल विकास विभाग के आँगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण के लिये कुल 255 करोड़ 23 लाख 65 हजार की राशि और निर्माण एजेन्सी के चयन करने के लिये जिला स्तर पर जिला कलेक्टर को अधिकृत करने के साथ अग्रिम राशि के आहरण एवं भुगतान की स्वीकृति दी।
मंत्रि-परिषद ने राज्य सेवा संवर्ग के प्रवर श्रेणी वेतनमान में 6 वर्ष के स्थान पर 5 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने वाले अधिकारियों को वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान में क्रमोन्नति वर्ष 2019 के लिये एक बार एक वर्ष की छूट तथा कनिष्ठ श्रेणी वेतनमान में 6 वर्ष के स्थान पर 5 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने वाले पदोन्नति से राज्य प्रशासनिक सेवा संवर्ग में प्रवेशित अधिकारियों को वरिष्ठ श्रेणी वेतनमान में क्रमोन्नति के लिये वर्ष 2019 के लिये एक बार एक वर्ष की छूट देने का निर्णय लिया है।
मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 5 के अतर्गत निर्धारित जनसंख्या के मापदण्ड को शिथिल करते हुए नगर परिषद लहार जिला भिण्ड को नगरपालिका परिषद के उन्नयन की अनुशंसा कर प्रस्ताव राज्यपाल को स्वीकृति के लिये भेजने का निर्णय लिया है।
मंत्रि-परिषद ने मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) संगठन में मुख्य अभियंता के पदों को प्रतिनियुक्ति से भरने के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश/आदेश में संशोधन करने का निर्णय लिया है। संशोधन अनुसार मुख्य तकनीकी परीक्षक सतर्कता संगठन में संबंधित निर्माण विभाग, अर्द्धशासकीय उपक्रमों, मध्यप्रदेश विद्युत मण्डल में मूलत: मुख्य अभियंता का पद धारण करने वाले अधिकारी ही पदस्थ किये जायेंगे। यदि मुख्य अभियंता की सेवाएँ प्राप्त करना संभव न हो तो अधीक्षण यंत्री के पद पर कम से कम तीन वर्ष की वरिष्ठता धारण करने वाले अधिकारी की पद-स्थापना मुख्य अभियंता के पद के विरूद्ध की जायेगी। ऐसे पदस्थ अधिकारी का पदनाम अधीक्षण यंत्री ही रहेगा और मूल संवर्ग का वेतनमान प्राप्त होगा।