रायपुर
छत्तीसगढ़ पुलिस को मानव तस्करी का रैकेट तोड?े में बड़ी सफलता मिली है। संवेदना योजना के तहत चलाये गए आॅपरेशन में पुलिस ने सेलम, चेन्नई, हैदराबाद और ओडिशा के कुछ शहरों में छापा मारकर 70 से अधिक बंधक बच्चों को मुक्त कराया है। पूरे अभियान में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के 42 बालिकाओं 28 बालक को सकुशल रेस्क्यू कर वापस लाया गया है। कार्रवाई में पांच आरोपी गिरफ्तार किया गए हैं।
कोंडागांव पुलिस को सूचना मिली थी कि जिले के बालक-बालिकाओं, महिलाओं को कुछ लोग ज्यादा पैसों में काम दिलाने का लालच देकर अन्य राज्यों आन्ध्रप्रदेश ,तमिलनाडु, ओडिशा इत्यादि में बंधुआ मजदूर की तरह काम करवा रहे हैं। पुलिस को गुम बालक-बालिका के पतासाजी के दौरान सी.सी.आर.एस. प्रोजेक्ट सेलम तमिलनाडु के काउंसलर वेद भटटाचार्य के माध्यम से छत्तीसगढ़ के बालक-बालिकाओं के सेलम में होने की सूचना मिली। जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए पुलिस ने बालक-बालिकाओ को उक्त स्थान से रेस्क्यु कर सुरक्षित घर लाने के उद्देश्य से जिला पुलिस कोण्डागांव, जिला बाल संरक्षण इकाई कोण्डागांव की संयुक्त रेस्क्यू टीम तैयार कर बंधकों को छुड़वाने के लिये सेलम टीम रवाना किया गया एवं बंधकों को छुड़वाया गया।
कोंडागांव पुलिस अधीक्षक श्री सुजीत कुमार ने बताया कि सिटी कोतवाली थाना कोण्डागांव द्वारा पीड़ित बालिका की मां ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि माह सितम्बर-अक्टूबर 2018 में आरोपी जयराम सलाम पिता सिलाराम निवासी गचुमकल मड़ानार, उमेश कुमार मण्डावी पिता समलूराम निवासी गुटापारा, जैतराम नेताम पिता मालू नेताम निवासी बागझर, व अन्य ने उसकी बेटी एवं क्षेत्र के अन्य बालक-बालिकाओं को बहला फुसला कर अधिक मजदूरी दिलाने का लालच देकर चेन्नई ले गए जहां उन्हें बंधक बनाकर काम लिया जा रहा था यहां तक कि बीमार रहने पर भी मजदूरी कराई जाती थी। पुन: उक्त आरोपी धमकी देकर क्षेत्र से बालक बालिकाओ को मजदूरी कराने अपने साथ ले गये हैं ।
पुख्ता जानकारी मिलते ही थाना कोण्डागांव पुलिस द्वारा आरोपियों के विरूध्द अपराध क्र0-335/2019 धारा 370,34 भा.द.वि. के तहत एफ.आई.आर. दर्ज करते हुए प्रकरण में कार्यवाही की गई एवं आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है तथा सभी बंधकों को सकुशल रेस्क्यू कर विधिवत परिजनों को सुपुर्द किया गया। इसी प्रकार थाना माकड़ी एवं फरसगांव क्षेत्र में भी अधिक मजदुरी का लालच व झांसा देकर दूसरे राज्य ले जाने एवं जबरन बंधक बनाकर मजदूरी कराने तथा मजदूरी के बाद रुपए भी नहीं देने जैसी सूचना मिलने पर पीड़ित पक्ष के आवेदन पर एफआईआर दर्ज की गई है तथा प्रकरण के सभी बंधकों को मुक्त कराया गया है।
उपरोक्त के अतिरिक्त तमिलनाडु, गोवा, आंध्रप्रदेश, दिल्ली, आदि राज्यों के विभिन्न कारखानों तथा अन्य स्थानों पर छत्तीसगढ़ के करीबन 300 बालक-बालिकाओं, मजदुरों को बंधक बनाकर काम कराने की सूचना मिली है जिनको रेस्क्यू करने हेतु टीम रवाना की जा रही है। डीजीपी श्री डी.एम. अवस्थी ने बताया कि संवेदना योजना के तहत राज्य पुलिस लगातार महिलाओं में विरूद्ध अपराध और मानव तस्करी रोकने छापामार कार्रवाई कर रही है। इसी क्रम में कोंडागांव पुलिस द्वारा आॅपरेशन चलाया गया और सत्तर बच्चों को मुक्त कराया गया है। सभी जिलों में ये आॅपरेशन आगे भी लगातार जारी रहेगा।