वेजिटेरियन, नॉनवेजिटेरियन और वेगन्स की लाइफस्टाइल पर स्टडी करने पर सामने आया है कि मांसाहारी लोगों की तुलना में शाकाहारी लोग ज्यादा थका हुआ महसूस करते हैं। अगर बात एक सप्ताह को ध्यान में रखकर की जाए तो शाकाहारी लोग सप्ताह में 4 दिन सुबह के वक्त फ्रेश फील नहीं करते हैं। वे खुद को अलसाया हुआ और स्लीपी फील करते हैं। वहीं, हर 5 में से एक व्यक्ति का कहना था कि वे दिनभर उनिंदा महसूस करते हैं।
Sealy UK द्वारा की गई ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि दिनभर हम किस तरह का खाना खाते हैं, उसका असर हम पर उस वक्त भी हो सकता है, जब हम सो रहे होते हैं। स्लीप एक्सपर्ट्स का कहना है कि ब्रिटेन के 2 हजार से अधिक लोगों को इस स्टडी में शामिल किया गया। उनमें से 65 प्रतिशत ने इस बात को स्वीकार किया कि आमतौर पर सप्ताह में तीन दिन ऐसा होता है, जब सुबह के समय जगते हुए उन्हें थकान का अहसास होता है।
वहीं, शाकाहारी और वेगन्स की बात करते हुए एक्सपर्ट ने कहा कि उनकी नींद की क्वालिटी सबसे अधिक खराब देखी गई। शोध में सामने आया कि वेगन लोग सप्ताह में चार दिन सुबह के वक्त खुद को थका हुआ महसूस करते हैं और उन्हें नींद पूरी ना होने का अहसास होता है। जबकि हर पांच में से 1 ने कहा कि उन्हें हर समय नींद आती रहती है।
स्लीप एक्सपर्ट हॉली हाउसबे का कहना है कि खाने की सही खान-पान अपनाकर नींद की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है। कार्बोहाइड्रेट ब्रेन में ट्रिप्टोफैन को बढ़ाने में मददगार होता है, इसलिए देर रात अगर डायट ले रहे हैं तो इसमें पनीर टोस्ट लेना आपको अच्छी नींद दे सकता है। ओट्स खाना भी नींद की क्वालिटी को इंप्रूव करता है। क्योंकि इसमें प्राकृतिक रूप से मौजूद पोषक तत्व मेलानिन को बढ़ाने का काम करते हैं। मेलानिन एक ऐसा हॉर्मोन है जो हमारी सोने और जागने की नेचरल क्लॉक को रेग्युलेट करता है।