पप्पू यादव हाउस अरेस्ट, कहा- इससे अच्छा बंगलादेश चले जाए, वहां अधिकार तो हैं

पटना

जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव को उनके घर में नजरबंद कर दिया गया है. नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ पप्पू यादव 19 दिसंबर को वामदलों को साथ बिहार बंद कराने वाले थे, लेकिन उससे पहले प्रशासन ने धारा 107  के तहत उन्हें नजरबंद कर दिया. पटना के मंदिर इलाके में स्थित उनके आवास पर उनको नजरबंद किया गया है.

पप्पू यादव ने नीतीश सरकार को कोसा

रविवार को प्रदर्शन के दौरान पटना में भारी बवाल हुआ था, जिसके बाद पप्पू यादव को लेकर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है. पटना विश्वविद्यालय से जन अधिकार पार्टी के छात्र विंग की रैली को भी पुलिस ने रोक दिया. पप्पू यादव अपने घर के छत पर ही धरने पर बैठकर नीतीश सरकार को कोस रहे हैं और कह रहे कि हमें आजादी चाहिए.

पप्पू यादव ने कहा कि देश का संविधान खतरे में है. हम नागरिकता संशोधन विधेयक और एनआरसी का विरोध करना चाहते हैं, हम बेटियों के जलाने वालों को फांसी दिलाना चाहते हैं, इसलिए हमने बंद का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि मैं उस परिवार से मिलने जा रहा था, जिसकी बेटी को जिंदा जला दिया गया और उसकी मौत हो गई, लेकिन अचानक कहा गया कि आप वहां नहीं जा सकते. मुझे हाउस अरेस्ट कर लिया गया, इससे तो अच्छा है कि मैं बंगलादेश चला जाऊं, जहां अधिकार तो हैं.

प्रदर्शन से यातायात प्रभावित होने की समस्या

उधर पटना जिला प्रशासन ने लगातार हो रहे प्रदर्शन को देखते हुए पटना के कारगिल चौक से अशोक राजपथ तक 100 मीटर के दायरे में किसी प्रकार के धरना प्रदर्शन पर रोक लगाते हुए धारा 144 लागू कर दी है. प्रशासन का कहना है कि व्यस्त कारगिल चौक पर ऐसे प्रदर्शन की वजह से यातायात प्रभावित होता है, बच्चों को घंटों स्कूल बसों में गुजारना पड़ता है, इसलिए ऐसे प्रदर्शनों पर रोक लगा दी गई है.

आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ 19 दिसंबर को तमाम राजनीतिक पार्टियों ने बिहार बंद का आह्वान किया है, जिसमें वाम दलों के अलावा पप्पू यादव और जीतनराम मांझी की पार्टी भी शामिल है. उधर 21 दिसबंर को इसी मुद्दे पर आरजेडी ने भी बिहार बंद का आयोजन किया है.

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