पुरुषों में भी कुछ कमियां होती हैं, जिनकी वजह से उन्हें पिता बनने का सुख नहीं मिल पाता है। ऐसी ही एक दिक्कत पैदा करते हैं हिस्टोन्स। खास बात यह है कि मेडिकल टेस्ट में भी यह वजह पता नहीं चल पाती है…
दशकों का चैलेंज
जिन पुरुषों में फर्टिलिटी से जुड़ी समस्या होती है, उनकी समस्या आमतौर पर मेडिकल टेस्ट्स के दौरान पता चल जाती है और उसके हिसाब से उन्हें इलाज दे दिया जाता है। लेकिन कई बार ऐसा भी होता है, जब सारी रिपोर्ट्स नॉर्मल आने के बाद भी पुरुष पिता बनने का सुख हासिल नहीं कर पाते। इसके पीछे की वजह को खोजने में वैज्ञानिक कई दशक से लगे थे।
क्या हैं हिस्टोन्स?
हिस्टोन्स एक खास तरह के क्षारीय प्रोटीन होते हैं, जो यूकेरियोटिक सेल नूक्लियस में पाए जाते हैं। ये न्यूक्लियोसोम स्ट्रक्चर सेल्स में डीएनए को रेग्युलेट करते हैं। हिस्टोन एक खास तरह की दिक्कत के रूप में मेल फर्टिलिटी में बाधा बनकर सामने आए हैं।
दशकों के प्रयास का परिणाम
पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के नए शोध में कुछ एपिजेनेटिक कारणों का पता लगाया गया है, जो अस्पष्टीकृत पुरुष बांझपन में अहम रोल निभाते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि इन अस्पष्ट कारणों में से एक कारण हिस्टोन भी होते हैं।
अब तक यह रही मान्यता
पिछले एक दशक में वैज्ञानिक पुरुष बांझपन के लिए उन शुक्राणुओं को कारण मानते रहे, जो फर्टाइल नहीं हो पाते और डिवेलपमेंट के दौरान हिस्टोन को नहीं निकाल पाते। क्योंकि फर्टिलिटी के स्पर्म्स को डीएनए से हिस्टोन नामक प्रोटीन को अलग करना होता है। ऐसे में जो स्पर्म ऐसा नहीं कर पाते थे, उन्हें पुरुष बांझपन के लिए जिम्मेदार माना जाता रहा है।
कहीं जरूरी कहीं बेकार हिस्टोन्स
हालांकि कुछ स्टडीज में हिस्टोन्स को महत्वपूर्ण जीन प्रमोटर माना गया है। जबकि कुछ स्टडीज में उन्हें एकदम व्यर्थ। ताजा शोध में इन दोनों ही स्टडीज को सही पाया गया है और शोध के सीनियर रिसर्चर लेसी जे. लुइंस का कहना है कि कुछ स्थितियों में भ्रूण के विकास के लिए हिस्टोन की स्थिति जरूरी होती है जबकि कुछ जगहों पर इनकी बिल्कुल जरूरत नहीं होती।
आनेवाले वक्त में फायदा
यह शोध जर्नल डिवेलपमेंट सेल में प्रकाशित हुआ है। अपने इस शोध में शोधकर्ताओं ने स्पर्म में बदलाव के मैकेनिज़म को समझा। इनका मानना है कि शोध के परिणामों के बाद इस समस्या के लिए जरूरी दवाइयां डिवेलप करने में मदद मिलेगी।
यह भी बताई वजह
शोधकर्ताओं ने बताया कि कई केसेज में हिस्टोन्स का गलत जगह सिचुएटेड होना भी पुरुषों में बांझपन की वजह बनता है। क्योंकि इससे भ्रूण के विकास में दिक्कतें पैदा होती हैं। इस शोध के बाद अब हम जान चुके हैं कि जिन स्थितियों में स्पर्म डीएनए से हिस्टोन को अलग नहीं कर पाता, उस स्थिति में भ्रूण के विकास के लिए सपॉर्ट की जरूरत होती है।