नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ाने को लेकर बसपा मुखिया मायावती ने सरकार पर ट्वीटर के जरिए हमला बोला, जिसके बाद ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पलटवार किया।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार शाम एक ट्वीट किया, “उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा बिजली की दरों को बढ़ाने की मंजूरी देना पूरी तरह से जनविरोधी फैसला है। इससे प्रदेश की करोड़ों खासकर मेहनतकश जनता पर महंगाई का और ज्यादा बोझ बढ़ेगा और उनका जीवन और भी अधिक त्रस्त व कष्टदायी होगा। सरकार इस पर तुरंत पुनर्विचार करे तो बेहतर होगा।”
इसके जवाब में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा, “बहन मायावती जी यह सपा-बसपा के पाप रहे कि भ्रष्टाचार बढ़ता गया और बिजली कंपनियां भारी घाटे में चली गईं। सपा-बसपा के कार्यकाल में सिर्फ दरें बढ़ती थीं। भाजपा के कार्यकाल में दरें कम और बिजली आपूर्ति के घंटे ज्यादा बढ़े हैं।”
उन्होंने आगे लिखा, “सरकार ने बढ़ती दरों से गरीब को मुक्त रखा है। पूर्व सरकारों की आर्थिक अनियमितताओं के चलते मजबूरीवश कुछ श्रेणियों की बिजली दरों में आंशिक बढ़ोतरी करनी पड़ी है। अब जिलों को 24, तहसील को 20 और गांव को 18 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है। पूर्व सरकारों में कोई रोस्टर नहीं था। बिजली सिर्फ चहेते जिलों को ही नसीब होती थी।”
ऊजार् मंत्री ने लिखा, “2016-17 में पीक डिमांड 16,500 मेगावाट थी। जिसे पूर्व सरकार पूरा नहीं कर पा रही थी। अब 21,950 मेगावाट की डिमांड पूरी हो रही है। ग्रिड की क्षमता बढ़ाई जा रही है। 66,320 किलोमीटर की जर्जर लाइन बदलने पर तेजी से काम हो रहा है।”
गौरतलब है कि राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बिजली के नए टैरिफ में घरेलू, ग्रामीण, व्यावसायिक और इंडस्ट्री सभी तरह के उपभोक्ताओं की दरों में बढ़ोतरी कर दी है। दरों से सबसे ज्यादा प्रभावित घरेलू उपभोक्ता हो रहे हैं। आदेश के अनुसार शहरी क्षेत्र में जहां 15 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई है, वहीं औद्योगिक क्षेत्र में यह इजाफा 10 फीसदी किया गया है। इसके अलावा सरकार ने ग्रामीण इलाकों में फिक्स चार्ज 400 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया है। प्रदेश में आम लोगों-किसानों के विरोध के बाद भी बिजली की दरों में 10 से 15 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई है।