लखनऊ
नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों की छुट्टियों पर एक हफ्ते के लिए रोक लगा दी है। मुख्यमंत्री ने विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने वालों से सख्ती से निपटने का निर्देश दिया है।
सोमवार को अलीगढ़ व लखनऊ में विरोध प्रदर्शन के अलावा अन्य जिलों में सामान्य स्थिति रही। सभी जिलों में अत्यधिक सर्तकता बरती जा रही है। रविवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और लखनऊ के नदवा कॉलेज में छात्रों के विरोध प्रदर्शन की घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी ओपी सिंह से पूरे प्रदेश में सुरक्षा इंतजामों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन के नाम पर हिंसा फैलाए जाने या सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाए जाने की कोशिशों को पूरी ताकत से रोका जाए। साथ ही अफवाह फैलाने वालों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री ने रविवार को ही प्रदेशवासियों से शांति बनाए रखने की अपील भी की थी। सोमवार को सुबह चुनाव प्रचार के लिए झारखंड रवाना होने से पहले उन्होंने प्रदेश के हालात की जानकारी ली। सोमवार को दोपहर बाद मुख्य सचिव आरके तिवारी ने एक आदेश जारी कर कहा कि सभी डीएम और एसएसपी-एसपी अगले सात दिनों तक शासन की अनुमति लेकर ही मुख्यालय छोड़ें। यह आदेश कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और प्रदेश में सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखने के लिए जारी किया गया है।
उधर, आईजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार ने कहा कि अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के पहले से ही जिलों में धारा 144 लागू की गई थी। यह तभी से लगी हुई है। यह जिलाधिकारी अपने स्तर से लागू करते हैं। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में शांति बनी हुई है। अलीगढ़ व लखनऊ में विरोध प्रदर्शन के दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है।