गुवाहाटी
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ असम में जारी हिंसा और तनावपूर्ण हालात के सामान्य होने का दावा करते हुए राज्य सरकार ने कर्फ्यू को हटाने का फैसला किया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों के बाद बंद की गई ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाओं को मंगलवार सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक के लिए बहाल कर दिया गया।
मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की अध्यक्षता में कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून पर जारी उग्र विरोध प्रदर्शन की वजह से पूर्वोत्तर के राज्यों में अस्थिरता बनी हुई है। सैन्यबल की तैनाती के साथ कई संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू लगा है।
हिंसा में अब तक 5 की मौत, 85 अरेस्ट
वहीं असम के मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने भी मंगलवार से असम के हर हिस्से से कर्फ्यू पूरी तरह हटा लिए जाने की सूचना दी। रात में भी कर्फ्यू नहीं लगाया जाएगा। ब्रॉडबैंड और इंटरनेट कनेक्टिविटी सेवाएं सुबह बहाल कर दी गईं। असम सरकार ने राज्य में शांति बहाली के बाद कर्फ्यू हटाने का फैसला किया गया। हिंसक घटनाओं के सिलसिले में अब तक 85 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं प्रदर्शन के दौरान 5 लोगों की मौत भी हो गई है।
असम के डीजीपी भास्कर ज्योति महंत का कहना है कि राज्य में फिलहाल हालात काबू में हैं और उपद्रवियों से सख्ती से निपटा जाएगा। गुवाहाटी में लगातार तीन दिन कर्फ्यू में ढील देने के बाद लोग जरूरी कामकाज के लिए बाहर निकले। वहीं, मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि राज्य के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए वह समर्पित हैं।
असम में 22 दिसंबर तक स्कूल और कॉलेजों को बंद किया गया है। गौरतलब है कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 के संसद में पारित होने के बाद शहर और राज्य के अन्य हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। राज्य में सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने और शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 16 दिसंबर तक इंटरनेट सेवाएं बंद रखने का ऐलान किया गया था।
कई सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान
बता दें कि असम में इन दिनों अबतक का सबसे उग्र विरोध-प्रदर्शन हो रहा है, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने 3 रेल स्टेशनों, एक पोस्ट ऑफिस, एक बैंक, एक बस टर्मिनस समेत कई सार्वजनिक संपत्तियों को फूंक दिया। इनके अलावा कई दुकानों, दर्जनों गाड़ियों और कई सार्वजनिक संपत्तियों को या तो फूंक दिया गया है या तोड़फोड़ हुई। हालात की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के लिए दिल्ली जाने वाले हैं।