अब चार केंद्रों से होगी पटना की हवा की निगेहबानी

पटना                                                                                                                                                                                       
देश और दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार पटना की आवोहवा पर अब प्रभावी ढंग से नजर रखी जा सकेगी। राजधानी में अभी तक सिर्फ एक वायु गुणवत्ता जांच केंद्र है। मगर अब तीन और केंद्र खोले जा रहे हैं। यह केंद्र बीआईटी, ईको पार्क और एसके मेमोरियल हॉल परिसर में स्थापित किए गए हैं। सोमवार को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ईको पार्क से इन केंद्रों का उद्घाटन करेंगे।

राज्य में फिलहाल सिर्फ तीन शहरों पटना, गया और मुजफ्फरपुर में ही एक-एक वायु गुणवत्ता जांच केंद्र है। यही कारण है कि देश में वायु की गुणवत्ता की जांच में सिर्फ इन्हीं तीन शहरों का जिक्र आता है। पटना में यह केंद्र तारामंडल में स्थापित है। इसका उद्घाटन उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आठ जुलाई 2011 को किया था। गया और मुजफ्फरपुर समाहरणालय में एक-एक केंद्र उसके बाद वर्ष 2014 में स्थापित हुए।

अब राज्य सरकार द्वारा पटना में पांच, मुजफ्फरपुर और गया में एक-एक अतिरिक्त केंद्र खोला जा रहा है। इसके अलावा हाजीपुर में भी एक केंद्र स्थापित करने की पहल की गई है। इनमें से तीन केंद्रों का शुभारंभ सोमवार को उपमुख्यमंत्री करेंगे। केंद्रों को स्थापित करने वाली कंपनी को ही पांच साल तक इसके रखरखाव की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

इलेक्ट्रोनिक डिस्प्ले बोर्ड पर दिखेगी मौसम की भी स्थिति
इन केंद्रों में स्वचालित उपकरणों की सहायता से वायु में प्रदूषकों के स्तर की मानिटरिंग की जाएगी। इसके जरिए कण पदार्थ पीएम-10 और पीएम-2.5 के अलावा गैसीय प्रदूषकों मसलन सल्फर डाई आक्साइड, नाइट्रोजन आक्साइड, कार्बन मोनो आक्साइड, बेंजीन आदि की स्थिति पर नजर रखी जाएगी। इसके अलावा मौसम संबंधी मानदंडों जैसे वायु की गति, उसकी दिशा, तापमान, आद्रता सहित अन्य आंकड़े लगातार प्राप्त होंगे। इलेक्ट्रानिक डिस्प्ले के जरिए इन्हें प्रदर्शित किया जाएगा।

यह है वायु गुणवत्ता मानक का वर्गीकरण
0 से 50 अच्छा
51 से 100 संतोषजनक
101 से 200 मध्यम
201 से 300 खराब
301 से 400 बहुत खराब
401 से अधिक  बेहद गंभीर

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