छत्तीसगढ़

रामकृष्ण केयर में पहली बार अलग-अलग ब्लड ग्रुप में किडनी प्रत्यारोपण

रायपुर
अब किडनी ट्रांसप्लांट में कानूनी प्रावधानों के अलावा किडनी देने और लेने वालों का ब्लड ग्रुप समान होना जरुरी था। मेडिकल साइंस ने इस पर फतह हासिल कर ली है। अब कोई जरुरी नहीं कि दोनों के ब्लड ग्रुप एक ही हो। ऐसा कर दिखाया है रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के डॉक्टर ने। उनका दावा है कि छत्तीसगढ़ में प्रथम बार एबीओ इनकम्पोटिबल रिनल ट्रांसप्लांट के माध्यम से किडनी प्रत्यारोपण किया गया है।

डॉ. प्रवाश कुमार चौधरी ने बताया कि जिस मरीज का किडनी प्रत्यारोपण किया गया है वह पिछले कई महीनों से परेशान था। क्योंकि उसका ब्लड ग्रुप बी पॉजीटिव, पत्नी किडनी दाता का ब्लड ग्रुप एबी पॉजीटिव था। ये लोग कई जगह दिखा चुके थे। कोई भी इलाज नहीं कर पा रहे थे। वजह थी मरीज का ब्लड ग्रुपऔर किडनी देने वाले का ब्लड ग्रुप अलग-अलग होना। दंपती हमारे अस्पताल पहुंची। मरीज की पूरी तरह जांच कराई गई।डॉ. संजीव अनंत काले व डॉ. अजय पराशर से मरीज के केस को लेकर चर्चा के बाद हमने मरीज को बताया कि ट्रांसप्लांट मुमकिन है। दोनों के चेहरे में खुशी की लहर दौड़ पड़ी।

 

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