विपरीत हालातों में भी स्वयं को संभालते हुए आगे बढ़ना ही जीवन है। जीवन में कई बार ऐसी परिस्थितियां बनती हैं जिनका सामना करना मुश्किल भरा हो जाता है। ऐसे हालात के लिए हमारे आसपास मौजूद वास्तु दोष भी जिम्मेदार हो सकते हैं। कार्यक्षेत्र और व्यापार में भी ऐसे वास्तु दोष हमारी कार्यक्षमता को प्रभावित करने लगे हैं। वास्तु शास्त्र में बताए गए कुछ आसान उपाय अपनाने से हम विपरीत परिस्थितियों से बचाव कर सकते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
हमारे घर या प्रतिष्ठान में मौजूद ऊर्जा हम पर सीधे प्रभाव डालती है। यह ऊर्जा सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह की हो सकती है। ऐसे में घर या प्रतिष्ठान में सुबह-शाम दीपक अवश्य जलाएं। दीपक की रोशनी नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करती है। घर से बाहर जाते समय हमेशा माता पिता के पांव छूकर निकले। भगवान के सामने सिर झुकाकर फूल अर्पित करें। घर की छत पर पक्षियों के किए दाना-पानी जरूर रखें। ऐसा करने से घर में सौभाग्य आता है। कहीं निकलने से पहले माथे पर रोली का तिलक जरूर लगाएं। बाथरूम में रखी बाल्टी को कभी खाली न छोड़ें। हमेशा उसमें थोड़ा पानी होना चाहिए। घर के चारों कोने सुरक्षित रखने चाहिए। घर के कोने पर शौचालय नहीं बनाना चाहिए। पूर्व व दक्षिण की दिशा में यह बनवा सकते हैं। घर के ईशान कोण को हमेशा स्वच्छ रखें। परिवार और घर से संबंधित दस्तावेज हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा में रखें। घर की पूर्व-उत्तर दिशा को खाली रखें। यहां कोई भारी वस्तु न रखें।