अगरतला
गुरुवार को झारखंड की क्रिकेट टीम ने इतिहास रच दिया। रणजी ट्रोफी के 85 साल के इतिहास में वह पहली टीम बन गई जिसने फॉलोऑन मिलने के बाद जीत हासिल की। त्रिपुरा की टीम ने अपने घरेलू मैदान पर पहले बल्लेबाजी करते हुए 289 रन बनाए, जवाब में झारखंड की टीम 136 रनों पर ऑल आउट हो गई। आपको यहां बता दें कि चार दिनों के मैच में पहली पारी में 150 रनों की बढ़त से फॉलो-ऑन होता है।
ग्रुप सी के इस मुकाबले में त्रिपुरा के कप्तान मिलिंद कुमार ने झारखंड को दोबारा बल्लेबाजी करने को कहा। इसके बाद जो हुआ वह इतिहास में दर्ज हो गया।
मैच अब भी त्रिपुरा के पक्ष में था जब झारखंड के बल्लेबाज इशांक जग्गी और सौरभ तिवारी क्रीज पर टिके हुए थे। आधी टीम पविलियन लौट चुकी थी और झारखंड को पारी की हार से बचने के लिए अब भी 15 रनों की जरूरत थी। हालांकि जग्गी ने टीम मैनेजर पीएन सिंह के साथ दूसरी पारी के लंच के दौरान उम्मीद भरी बात की।
क्रिकइंफो के मुताबिक, सिंह ने जग्गी से पूछा, 'ईडन गार्डन्स का रिपीट हो जाए?' जग्गी हालांकि इस बात को लेकर ज्यादा आश्वस्त नहीं थे और उन्होंने जवाब दिया, 'कभी कभी हो सकता है, बार बार नहीं।'
यह बात ईडन गार्डंस के उस मशहूर टेस्ट मैच के बारे में कही गई थी जब 2001 में भारतीय टीम ने फॉलोऑन मिलने के बाद सौरभ गांगुली की अगुआई में ऑस्ट्रेलिया को 171 रनों से हराया था। हालांकि जग्गी को शुरुआत में इस बात पर यकीन नहीं हुआ था लेकिन मैदान पर उनके प्रदर्शन ने उम्मीद जरूर जगाई।
जग्गी 207 गेंदों पर 107 रन बनाकर रिटायर्ड हर्ट हुए। उन्होंने तिवारी के साथ 190 गेंदों पर 122 रनों की साझेदारी की। झारखंड ने अपनी दूसरी पारी 8 विकेट पर 418 रन बनाकर घोषित कर दी।
अब त्रिपुरा के सामने जीत के लिए 266 रनों का लक्ष्य था और एक दिन से भी कम का वक्त बचा था। दबाव में त्रिपुरा की टीम लड़खड़ा गई और पेसर आशीष कुमार ने पांच बल्लेबाजों को पविलियन भेजा। हालांकि इस बीच एमबी मुरासिंह ने जवाबी हमला बोलते हुए 103 रनों की पारी खेली। मैच आखिरी ओवर तक गया जब आशीष ने राना दत्ता को LBW किया। झारखण्ड के खेमे में खुशी छा गई।