भोपाल
मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) ने बुधवार को बड़ा फैसला लेते हुए लैंड पुलिंग पॉलिसी (Land Pulling Policy) को मंजूरी दी है. इसके तहत विकास प्राधिकरणों (Development Authorities) के अधीन वाली खाली जमीन को किसानों को वापस लौटाया जाएगा. सरकार के इस फैसले से प्रदेश के 84 प्रोजेक्ट में से 66 प्रोजेक्ट वाली खाली जमीन किसानों को वापस होगी. यानी किसानों को कुल भूमि का पचास फीसदी लौटाने का फैसला लिया है. हालांकि इससे जुड़े विवादों का समाधान सिविल कोर्ट की बजाय सीधे हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से हो सकेगा.
सरकार ऐसे प्रोजेक्ट वाली जमीन को भी वापस करेगी जिस पर सिर्फ 10 फीसदी विकास हुआ है. इसके लिए किसान से दस फीसदी विकास का खर्च लिया जाएगा. कमलनाथ कैबिनेट में मंजूर हुए लैंड पुलिंग एक्ट को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा.
कमलनाथ सरकार ने प्रदेश के कालेजों में सेवा दे रहे अतिथि विद्वानों को सेवा हटाने के बाद दौबारा मौका देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसके अलावा सरकार ने पीएससी की परीक्षाओं में भी अतिथि विद्वानो को बीस नंबर की छूट देने का फैसला किया है. कमलनाथ कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में इस संबंध में आये प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है.
मुख्यमंत्री बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण योजना लागू करने का फैसला भी कैबिनेट की मीटिंग में किया गया है. इसके अलावा राजस्व भूमि पर उद्यानिकी क्लास्टर की स्थापना होगी. जबकि मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना की अवधि सीमा बढ़ाकर 2024 की गई है. इसके तहत 2 लाख सोलर पंपों लगाये जाएंगे. यही नहीं, ई गवर्नेंस योजनाओं के लिए 548 पदों को मंजूरी देने के अलावा रक्षा विभाग भारत सरकार को भोपाल के कोहेफिजा में 0.607 हेक्टेयर भूमि देने का फैसला भी किया गया है. वहीं शिशु मंदिर ग्वालियर सोसाइटी को 13 हजार 700 वर्ग मीटर भूमि लीज पर देने का फैसला हुआ है.
कैबिनेट की बैठक में यूरिया की कमी और धान खरीदी केंद्रों का मामला भी गूंजा. मंत्री कमलेश्वर पटेल और मंत्री प्रदीप जायसवाल ने इस मुद्दे को उठाया. इस मामले पर सीएम कमलनाथ ने यूरिया की कालाबाजारी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.