हरदा
एक फ़िल्मी गीत है. जब जब प्यार पर पहरा हुआ है प्यार और भी गहरा हुआ है. हरदा में प्यार पर नहीं खाद का संकट (crisis of compost) गहरा होने के कारण पुलिस का पहरा लगा हुआ है. यहां जि़ले भर की सहकारी समितियों (co-operative society) के लिए जो यूरिया (urea) भेजा गया है उन ट्रकों में पुलिस बल (police force) तैनात किया. खाद की किल्लत होने के कारण प्रशासन को डर है कि किसान कहीं खाद ना लूट लें. प्रशासन की आशंका सही साबित हुई. चारखेड़ा के पास किसानों ने खाद से भरे पटक रोक लिए और कुछ जगह ट्रकों के सामने धरना देकर बैठ गए.
हरदा ज़िले में खाद के लिए किसानो में हाहाकार सा मच गया था. बुधवार को सहकारी समितियों के लिए भेजे गए ट्रक पुलिस के साये में रवाना किए गए. रेलवे माल गोदाम पर यूरिया से भरी रैक आयी थी. वहां से माल बोरियो में भरकर गांवों के लिए रवाना किया गया. लूट के डर के कारण रेलवे स्टेशन से लेकर गांव तक पुलिस तैनात की गयी. ट्रकों पर भी पुलिस के जवान तैनात किए गए. कलेक्टर ने सभी एसडीएम और तहसीलदारों को निर्देश दिया है कि वो खाद वितरण केन्द्रों का निरीक्षण करें.
हरदा ज़िले में अभी तक 34 हजार मीट्रिक टन यूरिया बांटा जा चुका है. लेकिन कई गांव में एक बोरी यूरिया भी नहीं पहुंचा है. सहकारी समितियों में किसानो की भारी भीड़ लगी हुई है. ऋण पुस्तिका के माध्यम से किसानो को खाद दिया जा रहा है. चारखेड़ा में किसानों ने यूरिया लेकर जा रहे ट्रक रोक लिए. फौरन अफसर पहुंचे और किसानों को समझाकर रास्ता खाली करवाया.
इससे पहले मंगलवार को विदिशा ज़िले के शमशाबाद में किसान ट्रक से यूरिया की बोरियां लेकर भाग गए थे.जब तक पुलिस पहुंची तब तक तो लूट पाट पूरी हो चुकी थी. किसान घर जा चुके थे.