तीन महीने तक खाली न छोड़ें घर, बंद न करें मंदिर के द्वार

घर को मंदिर कहा जाता है। किसी भी मकान को घर अपने बनाते हैं और घर में भगवान के लिए भी मंदिर या पूजाघर बनाना बेहद आवश्यक है। घर में पूजाघर होने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह सदैव बना रहता है। माना जाता है कि घर में पूजाघर होने से सौभाग्य का आगमन होता है। वास्तु में घर में मंदिर को लेकर कुछ आसान से उपाय बताए गए हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।

अपने घर को तीन माह से अधिक समय तक खाली न छोड़ें। घर के भंडार को भी कभी खाली न रखें। अगर कहीं जाना है तो कभी पूजाघर में ताला लगाकर न जाएं। अगर मकान वर्षों से खाली पड़ा है तो ऐसे मकान को वास्तुशांति के बाद उपयोग में लाएं। वास्तु के अनुसार घर का मंदिर रसोईघर में नहीं होना चाहिए। पूजाघर में भगवान श्रीगणेश और मां लक्ष्मी की मूर्ति को कभी भी खड़ा न रखें। पूजा स्थल अंधेरे में न हो। ईशान कोण में पूजाघर होने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह सदैव बना रहता है। मंदिर सीढ़ियों के नीचे नहीं बनाना चाहिए। शौचालय या बाथरूम के बगल में नहीं बनाना चाहिए। बेडरूम में भी मंदिर नहीं होना चाहिए। बेसमेंट भी पूजाघर के लिए ठीक नहीं है। अगर मंदिर लकड़ी का है तो इसे घर की दीवार से सटाकर न रखें। पूजाघर में देवताओं की दृष्टि एक-दूसरे पर नहीं पड़नी चाहिए। घर के पूजाघर में गुंबद, कलश नहीं बनाने चाहिए। मंदिर के नीचे पूजन सामग्री, धार्मिक पुस्तकों को रखना चाहिए। मंदिर में रखी भगवान की मूर्तियों का चेहरा किसी भी वस्तु से ढंका हुआ नहीं होना चाहिए। एक घर में कई मंदिर न बनाएं। घर में जहां मंदिर बना हो, उस ओर पैर करके नहीं सोना चाहिए।

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