जिस तरह हाथ की रेखाएं जीवन के बारे में काफी हद तक बयां कर देती हैं। मसलन कोई व्यक्ति अपनी लाइफ में क्या करेगा, कितना आगे बढ़ेगा, उसका पारिवारिक जीवन कैसा होगा? सामाजिक जीवन में क्या उतार-चढ़ाव आएंगे? वैवाहिक जीवन में क्या कुछ खास होगा ? या फिर आने वाला समय उसके लिए अपने पिटारे में क्या लेकर बैठा है? ठीक इसी तरह हस्तरेखा शास्त्र में नाखूनों पर पड़ने वाले धब्बों का भी महत्व है। माना जाता है कि यह जीवन में आने वाले शुभ-अशुभ के संकेतक होते हैं। यानी कि धब्बे यूं ही नहीं होते यह जीवन में होने वाली तब्दीलियों के बारे में बहुत कुछ पहले ही बता देते हैं, आइए जानते हैं…
अगर नाखूनों पर हो सफेद धब्बा
हस्तरेखा शास्त्र के मुताबिक कभी भी नाखूनों पर धब्बा पड़े तो उसे यूं ही नहीं लेना चाहिए। यह अपने आप में ही आपके बारे में बहुत कुछ बता देता है। तो अगर आपकी उंगलियों के नाखूनों पर सफेद धब्बा पड़े तो यह एक तरह का संकेतक होता है। यह बताता है कि व्यक्ति के जीवन में धन का आगमन होने वाला है। यही वजह है कि नाखूनों पर पड़ने वाले सफेद धब्बों को लाभकारी माना जाता है।
अगर अंगूठे के नाखून पर पड़े सफेद धब्बा
उंगलियों की ही तरह अगर अंगूठे पर भी पड़ने वाले सफेद धब्बे का अपना ही महत्व होता है। हस्तरेखा शास्त्र की मानें तो यह जीवन में आने वाले प्रेम का संकेतक होता है। यानी कि अगर किसी व्यक्ति के अंगूठे पर सफेद धब्बा पड़ता है तो इसका अर्थ होता है कि उसके जीवन में प्रेम दस्तक देने वाला है। यह किसी प्रेमी के रूप में भी हो सकता है या फिर दांपत्य जीवन में भी प्रेम बढ़ाने का संकेत हो सकता है।
अनामिका उंगली के नाखून पर काला धब्बा हो तो
अगर किसी व्यक्ति की अनामिका उंगली के नाखून पर काले रंग का धब्बा पड़ने लगे तो यह अशुभ संकेत होता है। हस्तरेखा शास्त्र के मुताबिक काला धब्बा आने वाले समय में मिलने वाले अपयश की जानकारी देता है। यही वजह है कि यदि अनामिका उंगली के नाखून पर अगर काला धब्बा पड़ने लगे तो असहायों और निराश्रितों की मदद करनी चाहिए। ताकि शुभ कर्मों में वृद्धि हो सके और अपयश मिलने से कुछ राहत मिल सके।
कनिष्ठा उंगली के नाखून पर सफेद धब्बा हो तो
हस्तरेखा शास्त्र के मुताबिक कनिष्ठा उंगली के नाखून पर सफेद धब्बा शुभ संकेतक होता है। यह व्यक्ति को उसके कार्यों में मिलने वाली सफलता की सूचना देता है। इसके विपरीत यदि कनिष्ठा उंगली के नाखून पर काला धब्बा पड़ जाए तो यह असफलता का सूचक होता है। यानी कि व्यक्ति की तमाम कोशिशों के बावजूद भी उसे कार्य में सफलता मिलने की उम्मीदें न के बराबर हो जाती हैं।