भोपाल
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय पांच प्रोड्यूसर और दो असिस्टेंट प्रोड्यूसर हैं। उनके वेतनमान को लेकर एमसीयू उलझ गया है। उनकी नियुक्ति गैर शैक्षणिक पदों पर की गई, लेकिन छह हजार का एजीपी शैक्षणिक के हिसाब से देने की व्यवस्था की गई। इसे लेकर विवाद की स्थिति बन गई है। एजीपी की गुर्त्थी को सुलझाने के लिए प्रकरण को महापरिषद में भेजा जाएगा।
एमसीयू में रामदीन त्यागी, दीपक चौकसे, बापू बाग, मनोज पटेल और नोएडा में राकेश योग प्रोड्यूसर के रूप में पदस्थ हैं। जबकि प्रवेश उपाध्याय और प्रियंका सोनकर असिस्टेंट प्रोड्यूसर हैं। एमसीयू ने सभी टीचिंग स्टाफ में सातवां वेतनमान लागू कर दिया है, लेकिन प्रोड्यूसर को छह हजार के हिसाब से वेतनमान देने में उलझ गया है। 2013 में नियुक्ति के दौरान विज्ञापन में गैर शैक्षणिक पदों पर एजीपी छह हजार रुपए दिया गया था। जबकि गैर शैक्षणिक पदों पर 5400 से ज्यादा जीपी नहीं दिया जाता है।
प्रोड्यूसर को शैक्षणिक स्टाफ मानकर छह हजार का प्रस्ताव महापरिषद से ओके कर दिया गया है। जब उनका आदेश निकलने का समय आता, तो एमसीयू ने परीक्षण देखा कि देवी अहिल्या विवि इंदौर के ईएमआरसी में प्रोड्यूसर को 5400 जीपी दिया जाता है। इसलिए उनका आदेश छह हजार एजीपी के लिए नहीं दिया गया है।
प्रोड्यूसर के पास एमसीयू में ज्यादा कार्य नहीं हैं। 2013 में तत्कालीन कुलपति बृजकिशोर कुठियाला ने व्यक्तिगत संबंधों को भुनाते हुए प्रोड्यूसर के पद सृजित कर नियुक्तियां करा दी थीं। इसमें आधा दर्जन असिस्टेंट प्रोड्यूसर को भी नियुक्त किया गया। इसमें चार ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। इसमें से दो असिस्टेंट प्रोफेसर के रुप में चयनित होकर एमसीयू में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वर्तमान में कार्यरत आधा दर्जन प्रोड्यूसर से एमसीयू ने नोटिस देकर जवाब तलब किया है कि उन्होंने एमसीयू में क्या-क्या कार्य किए हैं। जवाब में उन्होंने बताया कि एमसीयू द्वारा समय-समय पर दिए गए कार्यों को पूर्ण किया है।