भोपाल
बीते कई महीनों से भोपाल के अधिकांश इलाकों में कुत्तों (Dogs) का आतंक देखने को मिल रहा है. इन आवारा कुत्तों ने ना सिर्फ लोगों और बच्चों को काटा है बल्कि शहर में कई मासूमों की जान भी ले ली है. जबकि राजधानी में आवारा कुत्तों के आतंक से परेशान लोगों ने हर जगह आवेदन देकर शिकायत (Complaint) दर्ज कराई, लेकिन समाधान के लिए सबने हाथ खड़े कर दिए. यकीनन मामले की हजारों शिकायत भोपाल नगर निगम (Bhopal Municipal Corporation) से लेकर मानव अधिकार आयोग तक पहुंची हैं. हालांकि कुत्तों के आतंक से लोगों को बचाने की कवायद अब नगर निगम अपने स्तर से करने में जुट गया है. नगर निगम का तर्क ये था कि भूखे रहने के कारण कुत्ते हमलावर होते हैं और अब इस समस्या से निपटने के लिए स्ट्रीट डॉग्स के लिए फीडिंग सेंटर बनाने जा रहा है. सेंटर में स्ट्रीट डॉग के खाने-पीने के इंताजम किए जाएंगे.
संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव ने बैठक कर ये फैसला लिया कि इन सेंटर्स को बनाकर पशु प्रेमियों के हवाले कर दिया जाएगा. उन्होंने नगर निगम को ये निर्देश भी दिए हैं कि शहर में संचालित प्याऊ के नीचे सकोरों में पानी भरकर रखने की व्यवस्था की जाए. वैसे इस वक्त नगर निगम सेंटर्स के लिए जगह का चयन करने में जुटा हुआ है.
बहरहाल, जहां ये फीडिंग सेंटर बनेंगे वहां के लोगों को परेशानी ना हो इस बात का भी खास ख्याल रखा जा रहा है. निगम का आदेश है कि स्ट्रीट डॉग के लिए जो फीडिंग सेंटर बनाए जाएंगे, उसके लिए कॉलोनियों की एनओसी लेना जरूरी है. बेहतर होगा कि सेंटर ऐसे स्थानों पर बनाए जाएंगे, जहां पर लोगों का कम आना जाना हो. इसके अलावा फीडिंग सेंटर में आक्रामक कुत्तों को इलाज की सुविधा देने का भी प्रयास किया जा रहा है.