दुर्ग
जीई फाउंडेशन के कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंची राज्यपाल सुश्री अनसुइया उइके ने दिव्यांग बच्चों को आशीर्वाद देने के पश्चात् दिल्ली में हुई अग्नि दुर्घटना में मृत 43 लोगों को श्रद्धांजलि देकर अपने उद्बोधन की शुरूआत की। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि इतने प्रतिभाशाली बच्चों के साथ समय बिताने का अवसर मुझे मिल पाया है। दिव्यांगजनों में गहरी प्रतिभा छिपी होती है। मुझे कुछ वाकये याद आते है जिन्होंने मेरा दिल छू लिया। पिछले साल सोशल मीडिया में वायरल हुआ वो वीडियो याद आ रहा है जो पुणे हाफ मैराथन से संबंधित था। इसमें केवल एक पैर में ही जावेद चौधरी नाम के युवक ने 10 किमी की दौड़ पूरी कर ली थी। दौड़ पूरी करने के बाद यह युवा खूब झूमा था। उनके उल्लास को देखकर लाखों लोग भी झूमे होंगे। यह वाकया मनुष्य की असीमित शक्ति की दास्तान कहता है। अरूणिमा सिन्हा का उदाहरण लें जिन्होंने 1 पैर में ही एवरेस्ट जैसा शिखर छू लिया। अभी डफ्टन के बारे में सुनाए वे दृष्टि बाधित हैं और 400 फीट की चढ़ाई चढ़ ली। इस तरह की घटनाएं बताती हैं कि हौसला रखें तो असंभव कार्य भी कर सकते हैं। राज्यपाल ने जीई फाउंडेशन को अच्छे कार्यों के लिए बधाई दी।
उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों की बेहतरी के लिए किया जाने वाला कार्य श्रेष्ठ कार्य है। उन्होंने कहा कि आप सभी में छिपी गहरी प्रतिभा मैंने देखी। आप लोग खेलों में इसी तरह अपना हुनर दिखाए। आप पैरालिम्पिक खेलों में भी अपनी प्रतिभा दिखा सकते हैं। राज्यपाल ने कहा कि आप लोगों के सुंदर आयोजन को देखकर मन प्रसन्न हुआ। आप सभी से बातचीत की और मुझे बहुत खुशी हुई। उन्होंने इस अवसर पर बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना की और अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को पुरस्कृत भी किया। इस मौके पर बीएसपी के सीईओ श्री अनिरबन दास गुप्ता ने भी अपना संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि इन बच्चों को सिम्पैथी नहीं इम्पैथी चाहिए। जीई फाउंडेशन का पूरा नाम गोल्डन इम्पैथी है, जो इसी भावना को सार्थक करता है। इस मौके पर दिव्यांग बच्चों ने खेल एवं संगीत का प्रदर्शन भी किया। इस मौके पर आईजी श्री विवेकानंद सिन्हा, कलेक्टर श्री अंकित आनंद, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री अजय यादव एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।