अयोध्या
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सोमवार की सुबह 10 बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई है. बताया जा रहा है कि इस बैठक में योगी सरकार अयोध्या का कायाकल्प बदलने के लिए बड़ा फैसला ले सकती है.
इस बैठक के बाद 11 बजे सरकार की ब्रीफिंग होगी जिसमें बैठक से संबंधित फैसलों को जनता के सामने रखा जाएगा.
इस बैठक में अयोध्या नगर निगम की सीमा विस्तार को कैबिनेट की मंजूरी मिल सकती है. साथ ही अयोध्या नगर निगम का विस्तार कर उसमें 41 गांवों को शामिल करने का प्रस्ताव कैबिनेट में पास हो सकता है.
अयोध्या मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस प्रस्ताव को काफी अहम माना जा रहा है. इसके अलावा प्रदेश में 16 नई नगर पंचायतें बनाने और 4 नगर पंचायतों का सीमा विस्तार करने का प्रस्ताव भी पास हो सकता है.
यही नहीं इस बैठक में योगी सरकार की कैबिनेट निवेशकों की सुविधा के लिए नियमावली के अनुसार वित्तीय प्रोत्साहन देने पर भी मुहर लगा सकती है. वहीं, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लिए पथ विक्रेता नियमावली भी पास हो सकती है.
अयोध्या फैसले को लेकर 6 पुनर्विचार याचिकाएं दायर
इधर, सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को 9 नवंबर को अयोध्या मामले में दिए गए फैसले के पुनर्विचार को लेकर 6 याचिकाएं दायर हो चुकी हैं. कोर्ट ने अयोध्या मामले में विवादास्पद स्थल को हिंदू पक्ष को राम मंदिर के निर्माण के लिए देने का फैसला सुनाया था. इन 6 याचिकाओं को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) का समर्थन प्राप्त है.
इन याचिकाओं को वरिष्ठ वकील राजीव धवन व जफरयाब जिलानी के निरीक्षण में मुफ्ती हसबुल्ला, मौलाना महफूजुर रहमान, मिस्बाहुद्दीन, मोहम्मद उमर और हाजी महबूब द्वारा दायर किया गया है. एआईएमपीएलबी ने एक बयान में कहा कि वह फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर करने का समर्थन करेगा और वरिष्ठ वकील ने मामले की प्रकृति को देखते हुए मसौदा तैयार किया है.
जिलानी ने मीडिया कर्मियों से कहा कि अगर पुनर्विचार याचिकाओं पर खुली अदालत में सुनवाई होगी तो धवन कोर्ट के समक्ष मामले (एआईएमपीएलबी समर्थित) को प्रस्तुत करेंगे.
क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की पीठ ने सर्वसम्मति से पूरी 2.77 एकड़ विवादित जमीन राम लला को दे दी. शीर्ष कोर्ट ने केंद्र को यूपी सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में मस्जिद के निर्माण के लिए 5 एकड़ का भूखंड आवंटित करने का भी निर्देश दिया.