भागलपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना का बुरा हाल, आवास के नाम पर 19 हजार लोगों ने डकार लिए 41 करोड़ रुपये

भागलपुर 
इन्दिरा आवास की तरह प्रधानमंत्री आवास योजना का भी भागलपुर जिला में बुरा हाल हो गया है। दो साल बीत गये लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुक राशि लेने के बावजूद आवास नहीं बनवा रहे हैं। लाभुकों के पास सरकार का करीब 41 करोड़ रुपये पड़ा हुआ है।

इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2016-17 और 2017-18 में जिले को 25173 आवास का लक्ष्य मिला था। आवास विहीन परिवारों को रहने के लिए इस योजना का लाभ दिया जाता है। लेकिन अफसरों की लापरवाही का आलम यह रहा कि मिले लक्ष्य में से करीब छह सौ लाभुकों का निबंधन भी नहीं हो सका। जितने लाभुकों का निबंधन और स्वीकृति मिलने के बाद राशि दी गयी उनके द्वारा आवास बनाया ही नहीं गया है। हालत यह है कि जिले में 19 हजार लाभुक सरकार की राशि लेकर बैठ गये हैं।

मात्र 3867 आवास ही पूर्ण हो पाये हैं। बताया जा रहा है कि लाभुक राशि लेकर दूसरे कामों में खर्च कर दिये हैं। जांच में पाया गया कि कोई मोटरसाइिकल खरीद लिया है तो किसी ने शादी में रुपये खर्च कर दिये। प्रशासन न तो राशि की वसूली कर पा रहा है और न ही आवास बनवा पा रहा है। 

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तीन किस्त में एक लाख 20 हजार रुपये दिया जाता है। इसके अलावा मनरेगा के तहत 90 दिन की मजदूरी और शौचालय की राशि मिलती है। एक साल में आवास निर्माण का कार्य पूरा करना होता है। ऐसा नहीं करने पर लाभुकों की सूची डिले हाऊस में चली जाती है। डिले हाऊस की सूची में जाने पर जिला स्तर से समय विस्तार की अनुमति मिलने पर किस्त की राशि का भुगतान करने का प्रावधान है। लंबित लाभुकों की अधिक संख्या को देखते हुए केन्द्र सरकार ने नियम को शिथिल करते हुए 31 जनवरी तक आवास पूर्ण कराने का मौका दिया है। लेकिन वर्तमान स्थिति में लक्ष्य पूरा करना आसान नहीं होगा। 

 
वित्तीय वर्ष 2016-17 और 2017-18 का ब्योरा
आवास का स्वीकृत लक्ष्य – 25173
निबंधित आवासों की संख्या  – 24954
स्वीकृत आवासों की संख्या – 22915
प्रथम किस्त का भुगतान – 22814
द्वितीय किस्त का भुगतान- 18169
तृतीय किस्त का भुगतान – 13242
पूर्ण आवासों की संख्या – 3867

सरकार ने पूर्व के नियमों को शिथिल करते हुए आवासों को पूर्ण कराने का निर्देश दिया है। उसके आलोक में सभी बीडीओ को पत्र भेजकर सभी आवासों को पूर्ण कराने को कहा गया है। आवास निर्माण में तेजी लायी जायेगी। – प्रमोद पांडेय, निदेशक, डीआरडीए

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