भोपाल
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा ली जाने वाली अलग-अलग विभागों की 533 पदों की परीक्षा में तय किए गए आरक्षण से प्रदेश भर के युवा आक्रोशित हैं। इसमें सबसे अधिक विरोध ओबीसी के लिए तय किए गए आरक्षण को लेकर हो रहा है। परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं का आरोप है कि यह बैकलाग भर्ती परीक्षा तो हो नहीं रही है कि पहले से संबंधित कोटे के रिक्त पदों को ऐसे भरा जाए।
अधिकारी इस मामले में कुछ बता नहीं पा रहे हैं और इसे अलग-अलग विभागों का मामला बता रहे हैं। वहीं पीएससी ने सारी जवाबदारी राज्य शासन की बताते हुए कहा है कि वे सिर्फ पदों की सूचना के आधार पर विज्ञापन निकालने का काम करते हैं, आरक्षण तय नहीं करते हैं।
पीएससी के विज्ञापन में जीएडी और गृह विभाग द्वारा डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी के लिए किए गए पदों के आरक्षण की गणना तो ठीक है पर बाकी विभागों के आरक्षण सवालों के घेरे में हैं। इसमें सबसे अधिक ओबीसी आरक्षण को लेकर विवाद है। हालांकि आरक्षण का आंकड़ा एससी-एसटी और ईडब्ल्यूएस के मामले में भी गड़बड़ है।
पीएससी द्वारा निकाले गए पहले विज्ञापन में कोषालय अधिकारी, लेखा अधिकारी और सहायक संचालक के एक समान वेतनमान वाले पदों के लिए 24 पदों पर भर्ती की जाना है जिसमें से 14 पद ओबीसी के लिए आरक्षित हैं जो कुल आरक्षण का 58.3 प्रतिशत होता है। इसमें अनारक्षित के लिए एक भी पद आरक्षित नहीं है। स्कूल शिक्षा विभाग के सहायक संचालक के मामले में यह स्थिति ठीक है। यहां 60 पदों के आधार पर 16 पद आरक्षित किए गए हैं। वित्त विभाग के अधीनस्थ लेखा सेवा के लिए कुल रिक्त पद 88 हैं जिसमें 23.76 पदों पर आरक्षण होना चाहिए पर 33 पद आरक्षित किए गए हैं। सहायक संचालक स्थानीय निधि के 6 में से 3 पद ओबीसी के लिए तय किए गए हैं जो 50 प्रतिशत होते हैं। उप पंजीयक के 6 में से 5 पद ओबीसी के लिए तय हैं।
आरक्षण को लेकर जिन अन्य विभागों की कार्यवाही पर सवाल उठाए जा रहे हैं, उनमें सहायक संचालक उद्योग के पद की बात करें तो इस पद के कुल रिक्तियां 53 हैं। इसमें ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने पर 14.3 पद आरक्षित होते हैं। इसके विपरीत 22 पद आरक्षित करके 41.5 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। श्रेणी ग के पद मुख्य नगर पालिका अधिकारी के लिए 19 पदों में 18 पद ओबीसी के लिए तय हैं। इसमें सामान्य के लिए एक भी पद नहीं है।
मुख्य नगरपालिका अधिकारी श्रेणी ख के लिए 10 पदों पर भर्ती की जाना है। इसमें 6 पद ओबीसी के लिए तय हैं जो कुल आरक्षण का 60 प्रतिशत होता है। इसी तरह आबकारी उपनिरीक्षक के लिए 3 और क्षेत्र संयोजक/विकास खंड अधिकारी के लिए रिक्त इतने ही पदों में ओबीसी कोटे के लिए 3 और 7 पद आरक्षित किए गए हैं। वास्तव में 19 पदों के लिए तय कोटे के आधार पर 5.3 पदों की पात्रता आती है।