नारायणपुर
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के एक कॉन्स्टेबल ने सुबह अपने साथियों पर गोलियां चला दीं। घटना में कॉन्स्टेबल समेत 6 लोगों की मौत हो गई। अचानक हुई इस सनसनीखेज वारदात से पूरे कैंप में हड़कंप मच गया और किसी को अभी तक यह समझ नहीं आया है कि आखिर कॉन्स्टेबल रहमान खान ने यह कदम क्यों उठाया।
बाकी साथियों और रेकॉर्ड्स के मुताबिक रहमान एक ऐसा ऑफिसर था जिसका फोकस ड्यूटी पर ही रहता था। रहमान एक महीने की छुट्टी पर घर जाने के लिए सामान पैक कर रहा था। घर जाने से पहले उसने अपनी राइफल जमा कर दी थी लेकिन सामान पैक करते हुए अचानक उसने साथी की एके-47 उठाकर फायरिंग कर डाली। उसने ऐसा क्यों किया, यह एक गुत्थी ही है।
एक साल से नहीं ली थी छुट्टी
बस्तर के आईजी पी सुंदरराज ने बताया है, 'आईटीबीपी की 45 बटालियन का कैंप घने जंगल में है। शुरुआती रिपोर्ट्स में पता चला है कि रहमान ने पिछले साल पैरामिलिट्री को मिलने वाली दो महीने की छुट्टी नहीं ली थी। उसे इस बार छुट्टी लेने को कहा गया क्योंकि वह एक साल से ड्यूटी पर था। उसने यह ऑर्डर माना और सामान बांधने लगा। जब घटना हुई वह अपने चार साथियों के साथ था।'
तीन-चार मिनट में सब खत्म
आईजी ने बताया है कि रहमान ने खुद को गोली मारी या दूसरे जवानों ने आत्मरक्षा में उसे मारा, इसकी जांच की जा रही है। फरेंसिक और बैलिस्टिक एग्जाम जारी हैं। सुंददराज ने बताया है कि जवानों के बीच आपस में कोई झड़प या फायरिंग नहीं हुई थी। सब कुछ तीन-चार मिनट में हो गया। गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने दावा किया है कि घटना के पीछे छुट्टी की वजह नहीं थी।
पता हो जवानों का तनाव: CM
घटना में जान गंवाने वाले जवानों में हेड कॉन्स्टेबल महेंद्र सिंह और दलजीत सिंह, कॉन्स्टेबल सुरजीत सरकार, बिस्वरूप माहतो और बिजेश हैं जबकि कॉन्स्टेबल एसबी उल्लास और सीताराम दून घायल हो गए हैं। घायलों को इलाज के लिए रायपुर के अस्पताल में रिफर कर दिया गया था। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संवदेना व्यक्त करते हुए कहा है, 'हमें पता होना चाहिए अगर जवान किसी तनाव में हैं या किसी और परेशानी का सामना कर रहे हैं।'