जबलपुर
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के एक आदेश के खिलाफ मध्य प्रदेश स्टेट बार काउंसिल ने एक एसएलपी सुप्रीम कोर्ट मे दायर की थी. 2 दिसम्बर को स्टेट बार काउंसिल के चुनाव होने थे, जिसमे पूरे प्रदेश से 56797 अधिवक्ता मतदाता वोट करते. अभी तक स्टेट बार काउंसिल ही इस चुनाव को संपन्न कराता रहा है लेकिन इस बार बार काउंसिल ऑफ इंडिया ( ने खुद अपनी मॉनिटरिंग में इस चुनाव को संपन्न कराने के आदेश दिए थे.
25 सदस्यों के लिए 145 उम्मीदवार मैदान में
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के इस आदेश के खिलाफ स्टेट बार काउंसिल ने अब सुप्रीम कोर्ट में ये विशेष अनुमति याचिका दायर की है जिस पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल चुनाव पर रोक लगा दी है. गौरतलब है कि मध्यप्रदेश स्टेट बार काउंसिल के 25 सदस्यों के चयन के लिए 2 दिसम्बर को चुनाव होने वाले थे. इस चुनाव में प्रदेश के कई नामी अधिवक्ता मैदान में हैं. 25 पदों के लिए कुल 145 उम्मीदवार अपनी किस्मत आज़मा रहे हैं. बार काउंसिल के इस चुनाव में प्रदेश के कुल 56797 अधिवक्ता अपने मताधिकार का उपयोग कर सदस्यों का चयन करेंगे.
कौन कराएगा मध्य प्रदेश में अधिवक्ता परिषद के चुनाव
सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनाव में रोक लगने से फिलहाल निर्वाचन की प्रक्रिया भी रोक दी गई है. अगली सुनवाई में ये स्पष्ट होगा कि क्या मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद के चुनाव खुद परिषद संपन्न करवा सकता है या कानूनी तौर पर इसकी इजाज़त बीसीआई यानी बार काउंसिल ऑफ इंडिया के पास है. पूरे मामले में परिषद के वर्तमान अध्यक्ष शिवेन्द्र उपाध्याय का कहना है कि वे अपना अधिकार नहीं खोने दे सकते. प्रदेश का अधिवक्ता अपने हक के लिए जो ज़रूरी लड़ाई होगी वो ज़रूर लड़ेगा.