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अडानी ग्रुप को झटका, जेवर एयरपोर्ट के लिए विदेशी कंपनी ने मारी बाजी

नोएडा

दिल्ली से सटे जेवर एयरपोर्ट के निर्माण के लिए ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल को जिम्‍मेदारी मिली है. अहम बात ये है कि ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल ने अडानी ग्रुप और DIAL को पछाड़ते हुए बाजी मारी है.

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट अथॉरिटी के सीईओ अरुण वीर सिंह ने बताया कि 2 दिसंबर को प्रदेश परियोजना निगरानी एवं क्रियान्वयन समिति के सामने इस कंपनी के बिडिंग को रखा जाएगा, जिसके बाद आधिकारिक मुहर लग जाएगी. जेवर एयरपोर्ट की 29,560 करोड़ रुपये के प्रोजेक्‍ट के लिए जिन चार ग्रुप ने बोली लगाई थी उनमें एंकोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट्स होल्डिंग्स लिमिटेल भी शामिल है.

किसने कितनी लगाई बोली?

स्विट्जरलैंड में मुख्यालय वाली ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल ने जेवर एयरपोर्ट के लिए प्रति यात्री सबसे ज्यादा 400.97 रुपये की बोली लगाई. ज्यूरिख एयरपोर्ट के अलावा DIAL (दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड) ने 351, अडानी इंटरप्राइजेज ने 360 और एंकोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट्स होल्डिंग्स ने 205 की बोली लगाई थी. ये बिडिंग प्रति यात्री मिलने वाले राजस्व के हिसाब से की गई थी. बहरहाल, जेवर एयरपोर्ट दिल्ली-एनसीआर में तीसरा एयरपोर्ट होगा. इससे पहले दिल्ली में इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट और गाजियाबाद में हिंडन एयरपोर्ट से यात्री विमान उड़ान भरती हैं.

तकनीकी मानदंडों पर खरी थीं कंपनियां

बीते दिनों नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एनआईएएल) के नोडल अधिकारी शैलेंद्र भाटिया ने बताया था कि सभी बोलीदाता तकनीकी मानदंडों को पूरा करते हैं. प्रस्तावित एयरपोर्ट के लिए एनआईएएल ने कंपनी के चयन को लेकर 30 मई को वैश्विक निविदा जारी किया था.उत्तर प्रदेश सरकार ने गौतमबुद्ध नगर जिले में वृहत परियोजना के प्रबंधन के लिये एनएआईएल का गठन किया था.

अडानी ग्रुप पर 6 एयरपोर्ट की जिम्मेदारी

बता दें कि अडानी ग्रुप पर अभी देश के 6 एयरपोर्ट को चलाने की जिम्मेदारी है. जो 5 एयरपोर्ट अडानी ग्रुप के कब्‍जे में आए हैं वो लखनऊ, जयपुर, अहमदाबाद, मेंगलुरु, गुवाहाटी और त्रिवेंद्रम हैं. ये एयरपोर्ट अडानी ग्रुप ने 50 साल की अवधि के लिए अपने नाम किया है. आसान भाषा में समझें तो अब 50 साल तक इन 5 एयरपोर्ट को अडानी ग्रुप अपग्रेड और ऑपरेट करेगा.

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