मुंबई
जर्मनी के लिपजिग शहर में हुई वर्ल्ड रैकेटलॉन चैम्पियनशिप में भारतीय टीम ने पहली बार भाग लिया। अपनी पहली कोशिश में टीम इंडिया ने दो गोल्ड, एक सिल्वर, एक ब्रॉन्ज मेडल जीते। रैकेटबॉल चारों रैकेट स्पोर्ट्स का मिक्स्ड इवेंट है। यह ट्राएथलॉन जैसा इवेंट है। रैकेटलॉन में टेबल टेनिस, बैडमिंटन, स्क्वॉश, टेनिस के मैच खेलने होते हैं।
भारत ने पहली बार इस चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया और पहली ही बार में टीम इवेंट में चैलेंज कप जीत लिया। भारत की टीम ए ने फाइनल में ऑस्ट्रिया को 107-101 से हराया। टीम ए ने फाइनल के सफर में ब्रिटेन, जर्मनी, अमेरिका को हराया। पुरुष ओपन कैटेगरी के गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव कश्यप और ब्रॉन्ज मेडलिस्ट वरिंदर सिंह रहे। चैम्पियनशिप में 30 देशों के 500 से अधिक खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। भारत के 13 खिलाड़ी उतरे।
इसमें चारों रैकेट स्पोर्ट्स के एक-एक सेट खेलने होते हैं। सेट खत्म करने के लिए पॉइंट के बीच दो का अंतर होना चाहिए जैसे कि 21-19। सबसे पहले टेबल टेनिस, फिर बैडमिंटन, स्क्वॉश खेलते हैं और सबसे आखिरी में टेनिस। सबसे ज्यादा पॉइंट बनाने वाला टीम या खिलाड़ी विजेता घोषित होता है। अगर कोई खिलाड़ी या टीम 3 सेट में ही ज्यादा प्वाइंट बना लेता है तो चौथा सेट नहीं होता।