इस्लामाबाद
पाकिस्तान की एक अदालत ने पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह मामले में विशेष अदालत को फैसला सुनाने से रोक दिया है। स्पेशल कोर्ट ने 3 नवंबर, 2007 को आपातकाल घोषित करने को लेकर पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ परवेज मुशर्रफ (76) के खिलाफ याचिका पर 19 नवंबर को सुनवाई पूरी की थी। मामले में 28 नवंबर को फैसला आना था।
सरकार की याचिका पर आदेश
पाक मीडिया के मुताबिक, इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को विशेष अदालत को फैसला सुनाने से रोक दिया है। पाक सरकार ने याचिका दाखिल कर मांग की थी कि वह विशेष अदालत को 28 नवंबर को फैसला सुनाने से रोक दे। मामले में दोषी पाए जाने पर मुशर्रफ को आजीवन कारावास या मृत्युदंड सुनाया जा सकता है।
नवाज सरकार ने शुरू किया था केस
मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मामला पूर्ववर्ती पीएमएल-एन सरकार के दौरान शुरू किया गया था। उनके खिलाफ दिसंबर 2013 में देशद्रोह का मुकदमा शुरू किया गया था। अभियोजन पक्ष ने सारे सबूत सितंबर को विशेष अदालत के समक्ष पेश किए गए थे। फिलहाल स्व-निर्वसन में दुबई में रहे मुशर्रफ ने विशेष अदालत की सुनवाई को चुनौती थी और मांग की थी कि कोर्ट के फैसले पर रोक लगाया जाए। मुशर्रफ ने अपनी याचिका में मांग की थी कि उनकी अनुपस्थिति में सुनवाई न हो।
अटॉर्नी ने दिया इस्तीफा
उधर, मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह मामले को लेकर अडिशनल अटॉर्नी जनरल ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। उनका कहना है कि उनकी अंतरआत्मा मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह केस को आगे बढ़ाने की इजाजत नहीं देता। अडिशनल अटॉर्नी जनरल तारिक महमूद खोखर ने इमरान खान सरकार की तरफ से इस्लामाबाद हाई कोर्ट में मुशर्रफ के खिलाफ आदेश को टालने की मांग करते हुए याचिका डाली थी।