कोलकाता
टी20 फॉर्मेट में भारतीय टीम की निगाह अब अगले साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले वर्ल्ड कप पर है। क्रिकेट फैन्स और जानकारों की नजरें इन दिनों महेंद्र सिंह धोनी पर हैं क्योंकि धोनी 2019 वर्ल्ड कप के बाद से ही मैदान पर दिखाई नहीं दिए हैं। सीमित ओवर क्रिकेट खेलने वाले पूर्व भारतीय कप्तान करीब 4 महीने से ब्रेक पर हैं और इंटरनैशनल क्रिकेट में वह वापसी कब करेंगे यह भी एक अबूझ पहेली बनी हुई है। इस बीच टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री ने कहा है कि लोगों को धोनी पर कोई भी राय बनाने से पहले आईपीएल 2020 तक इंतजार करना चाहिए। भारतीय क्रिकेट फैन्स और क्रिकेट के जानकारों के मन में धोनी को लेकर एक ही सवाल है कि क्या टीम के पूर्व कप्तान धोनी वर्ल्ड कप मिशन पर जाने वाली उस भारतीय टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया की उड़ान भरेंगे? कोच ने कहा कि सभी को इसके लिए आईपीएल का इंतजार करना चाहिए।
रवि शास्त्री के मुताबिक, 'यह निर्भर करता है कि वह कब खेलना शुरू करते हैं और आईपीएल में कैसा खेलते हैं। वहीं दूसरे खिलाड़ी विकेटकीपिंग में क्या कर रहे हैं और धोनी के मुकाबले उनकी फॉर्म क्या है। आईपीएल बड़ा टूर्नमेंट होगा क्योंकि आपके लगभग 15 खिलाड़ी तय हो चुके होंगे।' उन्होंने कहा, 'मैं कह सकता हूं कि आईपीएल के बाद आपकी टीम लगभग तय हो जाएगी। साथ ही मैं यह कहना चाहता हूं कि कौन कहां है इस बारे में कयास लगाने के बजाए आईपीएल तक का इंतजार करें। इसके बाद ही आप फैसला करने की स्थिति में होंगे कि देश में सर्वश्रेष्ठ 17 कौन हैं।'
कोच रवि शास्त्री को आज भी टीम इंडिया के वर्ल्ड कप 2019 के सेमीफाइनल में हारने का मलाल है। उस हार को याद करते हुए उन्होंने कहा, 'मैनचेस्टर में उन 15 मिनट के बाद से टीम ने दमदार वापसी की है। उसे पचा पाना आसान नहीं था। बीते तीन महीनों में टीम ने जो जुझारूपन दिखाया है वो अविश्वस्नीय है। इसलिए मैं कहता हूं कि अगर आप 5-6 साल पीछे देखते हैं तो यह एक ऐसी टीम है, जो सभी प्रारूप में निरंतर रही है।' शास्त्री मानते हैं कि अतीत को बदला नहीं जा सकता, लेकिन आगे की मंजिल पर अगले साल होने वाला T20 विश्व कप है और अगर उसमें जीत मिलती है तो यह विराट कोहली की कप्तानी वाली टीम अजेय के तमगे को और मजबूत करेगी। भारतीय टीम आईसीसी विश्व कप 2019 जीतने की प्रबल दावेदार मानी जा रही थी लेकिन सेमीफाइनल मैच में 15 मिनट में कहानी बदल गई। भारत को न्यू जीलैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा। वहां से चीजें और भी बदतर हो सकती थीं लेकिन कोच रवि शास्त्री के मार्गदर्शन में टीम ने अपनी राह नहीं छोड़ी।