बिलासपुर
झीरम घाटी नक्सली हमले के मामले में दायर रीट पिटीशन को हाईकार्ट ने स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार और एनआईए को नोटिस जारी किया है। इस मामले में अगली सुनवाई 24 सितम्बर को होगी। हाईकोर्ट में यह याचिका एनआईए के जांच में षड्यंत्र के मद्देनजर लगाई गयी है।
वकील सुदीप श्रीवास्तव ने बताया कि चीफ जस्ट्सि पीआर रामचंद्र मेनन की बैच ने झीरम घाटी हत्याकांड मामले के प्रत्यक्षदर्शी दौलत रोहड़ा और विवेक बाजपेयी ने संदेह जताते हुए याचिका लगाई है। याचिका में उन्होने यह भी कहा है कि एनआईए अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम कर रहा है। याचिकाकतार्ओं ने एनआईए की जांच पर संदेह जताया है और कहा है कि जांच अपूर्ण है। फिलहाल इस मामले में आज सुनवाई हुई है, अब 24 सिंतबर को अगली सुनवाई होगी।
याचिका में कहा गया कि गणपति और रमन्ना जैसे बड़े नक्सली लीडर का नाम था, लेकिन एनआईए ने न्यायालय में चार्जशीट पेश किया गया तो दोनों बड़े नक्सली लीडर के नाम गायब थे।