माइग्रेन की समस्या से जूझ रहे मरीजों की परेशानी को दूर करने के लिए एक नई दवा बनाई गई है, जो मौजूदा दवा से ज्यादा प्रभावकारी है। क्लीनिकल परीक्षण में पाया गया कि नई दवा से हर पांचवें मरीज के सिर का दर्द सिर्फ दो घंटे में ठीक हो सकता है। इस दवा से 34 फीसदी मरीजों में रोशनी, शोर और संवेदनशीलता जैसे लक्षणों में भी कमी आई।
मौजूदा दवाओं से होता है ये असर : मौजूदा दवाएं माइग्रेन के दर्द को ठीक करने के लिए रक्त धमनियों को पतला कर देती हैं। इसलिए इन्हें इस्तेमाल के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता क्योंकि इससे हृदयाघात का खतरा रहता है। उबरोजीपैंट नामक यह दवा उन मरीजों के लिए कारगर है जिनके ऊपर बाकी दवाएं काम नहीं करतीं। यह दवा तंत्रिका प्रणाली में मौजूद उस प्रोटीन को ब्लॉक कर देती है, जो दर्द को बढ़ाने का काम करता है।
यह दवा यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से अनुमति मिलने के इंतजार में है। इसके बाद इसे यूरोप और एशिया में भी उतारा जाएगा। मोंटेफाइओरे हेडेक सेंटर द्वारा किए गए इस परीक्षण को मेडिकल जर्नल जामा में प्रकाशित किया गया है।
परीक्षण के दौरान 1,700 मरीजों को मौजूदा दवा दी गई और अन्य लोगों को 25 एमजी उबरोजीपैंट का डोज दिया गया। दवा लेने वालों में हर पांचवें मरीज को दो घंटे के बाद दर्द से राहत मिली और 34 फीसदी मरीजों को अन्य लक्षणों से राहत मिली। मरीजों के एक समूह को 50 एमजी का डोज दिया गया। इनमें से 21.8 फीसदी मरीजों को दो घंटे बाद दर्द से मुक्ति मिली।
वहीं, 38 फीसदी मरीजों को अन्य लक्षणों से राहत मिली। मौजूदा दवा खाने वाले समूह में सफलता का स्तर 14 और 27 फीसदी था। कुछ लोगों को माइग्रेन का अटैक तनाव के कारण, पीरियड के दौरान, थकावट होने पर या कुछ खास खाने या पीने से होता है।
खतरनाक होता है दर्द
ब्रिटेन में लगभग 85 लाख माइग्रेन की समस्या से पीड़ित हैं। वहीं, अमेरिका में 3.8 करोड़ लोग माइग्रेन से जूझ रहे हैं। माइग्रेन का दर्द सिर के एक हिस्से में होता है। इसके अन्य लक्षणों में उल्टी, मितली, रोशनी दिखाई देना और शोर सुनाई देना मौजूद है।