भोपाल
भारतीय जनता पार्टी के अहम एजेंडों से एक है हिंदुत्व की सियासत करना। भाजपा अपना हर चुनाव हिंदुत्व के कार्ड खेल कर ही करती रही है। लेकिन अब कांग्रेस भी भाजपा के एजेंडे को हाईजेक करने में जुट गई है। कांग्रेस सरकार ने इस ओर कवायद भी शुरू कर दी है। सरकार अब धार्मिक कैबिनेट बैठक करने जा रही है। इसके लिए जगह भी तय करली गई है। 7 दिसंबर को कमलनाथ सरकार की धार्मिक बैठक महाकार की नगरी उज्जैन में होगी। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में कमलनाथ सरकार धार्मिक स्थलों के विस्तार को लेकर फैसला ले सकती है।
दूसरी बार होगी भोपाल से बाहर बैठक
कमलनाथ सरकार भोपाल से बाहर दूसरी बार कैबिनेट बैठक करने जा रही है। इससे पहले जबलपुर में कैबिनेट बैठक की गई थी। इस बार उज्जैन में होने वाली कैबिनेट बैठक के लिए विभागीय स्तर पर एजेंडे तैयार किए जा रहे हैं। सूत्रोंं के मुताबिक उज्जैन को धार्मिक पर्यटन स्थल के तौर पर विस्तार देने के साथ ही अन्य जगहों को लेकर अधिकारियों द्वारा प्रजेंटेशन दी जाएगी। सरकार धार्मिक नगरी में दुनिया भर से आने वाले पर्यटनों के लिए खास सुवाधाएं देने के लिए बड़े फैसले करेगी।
उज्जैन के विकास के लिए 300 करोड़
उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर सूबे में आस्था का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है। 12 ज्योतिर्लिंग में से एक महाकाल मंदिर में हर साल देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। कई प्रमुख हस्तियों का भी यहां लगातार आना लगा रहता है। बीजेपी के दिग्गज नेता और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हों या फिर उमा भारती सभी की महाकाल मंदिर में अगाध श्रद्धा रही हैं। अब यही श्रद्धा का भाव लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने महाकाल मंदिर के लिए करीब 300 करोड़ रुपये की योजना बनाई है। भगवान महाकाल के दर्शन करने उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 300 करोड़ रुपये की योजना शुरू होगी।
इनपर भी हो सकता है फैसला
इसके अलावा महाकाल मंदिर के अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव भी कैबिनेट में लाया जाएगा. कैबिनेट की बैठक में हिंदू धार्मिक स्थल के साथ ही मुस्लिम और सिख समुदाय के एक-एक धार्मिक स्थल को भी विकसित करने पर फैसला लिया जा सकता है. वहीं, ओरछा के विकास को लेकर भी प्रस्ताव लाए जाने की योजना है.