छत्तीसगढ़

बीएसपी की निर्मित प्लेंट अंतरिक्ष तक पहुंचा

भिलाई नगर
भिलाई इस्पात संयंत्र न केवल विश्व की सबसे लंबी रेलों का निर्माण करता है बल्कि यहां निर्मित प्लेट्स देश की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। भिलाई की निर्मित प्लेटों ने देश के अंतरिक्ष कार्यक्रमों को नई ऊंचाई प्रदान की है।

भिलाई इस्पात संयंत्र ने विभिन्न प्लेटों के ग्रेड्स का विकास कर मेक इन इण्डिया के सपने को जहां सच कर दिखाया है वहीं इण्डियन नेवी, इसरो जैसे प्रीमियम संस्थानों का भरोसेमंद भी सेल का भिलाई इस्पात संयंत्र है। जिसने विशिष्ट इस्पात बनाने की क्षमताओं के परिणामस्वरूप रेल्स के एक विश्वसनीय निमार्ता होने के आलावा रक्षा के साथ-साथ अंतरिक्ष में भी महत्वपूर्ण अनुप्रयोगों के लिए उत्पादों के प्रयोगों के चलते विश्व के इस्पात जगत में बड़े सम्मान के साथ अपना स्थान और नाम दर्ज करा लिया है।  यह भिलाई बिरादरी के लिए गर्व का विषय है कि भारतीय नौसेना और इसरो तथा विक्रम साराभाई अंतरिक्ष अनुसंधान केन्द्र जैसे संस्थाओं ने भी भिलाई इस्पात संयंत्र के विशेष इस्पात बनाने की क्षमताओं पर भरोसा जताया है।

उपग्रह प्रक्षेपण हेतु प्लेटों की रोलिंग-संयंत्र एक ओर जहां नौसेना के कार्य आदेशों पर कार्य कर रहा है, वहीं विशेष ग्रेड प्लेटों के लिए एक और आदेश बीएसपी द्वारा निष्पादित किया जा रहा है। मिश्र धातु निगम लिमिटेड, हैदराबाद द्वारा आपूर्ति किये गये एमडीएन 250 स्लैब्स को 9.3 एमएम मोटी प्लेटों में रोलिंग किया जा रहा है जिसका उपयोग इसरो द्वारा पीएसएलवी और जीएसएलवी उपग्रह प्रक्षेपण वाहनों के बाहरी मोटर के आवरण बनाने में किया जायेगा। लगभग 40 टन माराजिंग स्टील एमडीएन 250 का रोलिंग इसी महीने नवम्बर के 1 तारीख को किया गया। इससे पूर्व भी बीएसपी ने इन महत्वपूर्ण ग्रेडों के प्लेट की आपूर्ति कर इस्पात जगत में अपनी धाक जमाई है। भिलाई इस्पात संयंत्र के उत्पाद देश के विकास में निरंतर योगदान दे रहा है।

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