नई दिल्ली
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर सोमवार को पार्लियामेंटरी स्ट्रेटजी ग्रुप की बैठक होगी. इस बैठक में महाराष्ट्र के सियासी हालात पर चर्चा हो सकती है और इस मुद्दे को संसद के दोनों सदनों में उठाने की रणनीति बनाई जा सकती है. महाराष्ट्र में कांग्रेस भी अपने विधायकों को खरीद-फरोख्त से बचाने की कोशिश कर रही है. शिवसेना और एनसीपी की तरह कांग्रेस के सभी 44 विधायकों को भी होटल में ठहराया गया है.
कांग्रेस अपने विधायकों की निगरानी के लिए दिल्ली से मुंबई पहुंचे नेताओं पर निर्भर है. पार्टी ने शुरुआत में अपने विधायकों को मुंबई से बाहर किसी होटल में ठहराने की योजना बनाई थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने की उम्मीद और शरद पवार की सलाह पर पार्टी ने अपने विधायकों को मुंबई में ही ठहराने का निर्णय लिया.
कांग्रेस के विधायक खासतौर से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण की निगरानी में हैं. इन दोनों की अनुमति के बिना कोई कांग्रेस विधायकों से नहीं मिल सकता. कांग्रेस विधायकों को संभाले रखने का पूरा प्रबंध पार्टी के संकट मोचन माने जाने वाले अहमद पटेल संभाले हुए हैं. वह यहीं से कानूनी मामले देख रही दिल्ली टीम को भी निर्देश दे रहे हैं.
दूसरी ओर फडणवीस की सरकार को 'अवैध सरकार' करार देते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने रविवार को कहा कि कांग्रेस की मांग है कि राज्य सरकार को बिना देरी के अपना इस्तीफा देना चाहिए और सोमवार को सदन के पटल पर बहुमत साबित करना चाहिए. उन्होंने कहा, महाराष्ट्र सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है.