नई दिल्ली
भारतीय छात्रों के लिए अमेरिका अब भी सबसे पसंदीदा डेस्टिनेशन है, हालांकि वीजा और इमीग्रेशन पॉलिसी के कारण इसमें अब कुछ कमी आई है। 2017-18 में जहां अमेरिका में 1.96 लाख स्टूडेंट थे, वहीं 2018-19 में यह संख्या 2.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 2.02 लाख हो गई है। यह जानकारी हाल ही में आई एक रिपोर्ट से मिली है।
अमेरिका के विदेश विभाग द्वारा जारी किए गए वीजा संख्या के मुताबिक, इस बार अमेरिका में पढ़ाई की इच्छा रखने वाले या इसके लिए अमेरिकी सरकार से अनुमति पाने वाले छात्रों की संख्या में थोड़ी कमी आई है।
वीजा पाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या अमेरिका में इंटरनैशनल स्टूडेंट्स में काफी ज्यादा होती है, लेकिन जहां 2015 में यह संख्या 74,831 थी, वहीं 2018 में यह 42,694 रह गई है। यह जानकारी अमेरिका के विदेश विभाग ने दी है। हालांकि अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी छात्रों को वीजा देने के मामले में काफी कमी आई है।
अमेरिका में अंडरग्रैजुएट करने वाले 24,813 भारतीय, ग्रैजुएट करने वाले 90333, करीब 84630 ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग कर रहे हैं और 2238 गैर डिग्री कोर्स कर रहे हैं। मैनेजमेंट डिग्री हासिल करने की जगह अब स्टूडैंट मैथ्स और स्टैटिस्टिक्स को तवज्जो दे रहे हैं, ताकि डेटा एनालेसिस और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की जॉब ली जा सकें।
कोर्स के तौर पर बात करें तो भारतीय छात्र सबसे ज्यादा मैथ्स और कम्प्यूटर साइंस को तवज्जो दे रहे हैं। यह संख्या करीब 37 प्रतिशत है। वहीं हर बार सबसे आगे रहने वाली इंजीनियरिंग 34 प्रतिशत के साथ दूसरे नंबर पर है। यह आंकड़ा इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनैशनल ऐजुकेश का है। अंडरग्रैजुएट स्टूडेंट की संख्या में 6.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है वहीं ग्रैजुएट करने वाले 5.6 प्रतिशत कम हुए हैं।