तिरुवनंतपुरम
भगवान अयप्पा के दर्शन को लेकर चल रहे विवाद के बीच केरल पुलिस ने कहा है कि 15 से 45 साल तक की 319 महिलाओं ने सबरीमाला मंदिर में दर्शन के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। पुलिस ने कहा कि इन महिलाओं में एक भी महिला केरल की रहने वाली नहीं है। सबरीमाला मंदिर में इस साल 10 नवंबर से मंडलम-मकरविलक्कू महोत्सव शुरू हुआ है।
बताया जा रहा है कि इन 319 महिलाओं को वापस भेज दिया जाएगा, क्योंकि केरल सरकार के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि वह युवतियों को दर्शन करने की अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि ऐसा तब है जबकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले साल दिए गए फैसले में कोई बदलाव नहीं किया है। इस फैसले में शीर्ष अदालत ने युवतियों को भगवान अयप्पा के दर्शन की अनुमति दे दी थी।
कानून मंत्री की दलील
रविवार को राज्य के कानून मंत्री एके बालन ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे को बड़ी बेंच को सौंप दिया है। उन्होंने कहा, 'हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले पर रोक नहीं लगाई है लेकिन व्यवहारिक उद्देश्य से रोक लगी हुई है।' केरल पुलिस के पास मौजूद पंजीकरण डिटेल के मुताबिक 15 से 45 साल तक की उम्र की महिलाओं में सबसे ज्यादा 160 आंध्र प्रदेश से हैं।
इसके बाद तमिलनाडु से 139, कर्नाटक से 9, तेलंगाना 8 और ओडिशा से 3 महिलाएं हैं। इस बीच सीपीएम ने आरोप लगाया है कि केरल में सुप्रीम कोर्ट 'संदिग्ध और अनिश्चित' स्थिति पैदा कर रहा है। उसने यह भी कहा कि पार्टी लैंगिक समानता की पक्षधर है लेकिन कोर्ट को भगवान अयप्पा के मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश को लेकर एक 'निर्णायक रुख' अपनाना चाहिए।