रायपुर
राज्य में कार्यरत शिक्षक, कर्मचारियों को फिर से एकजुट किया जा रहा है और इसी के साथ पुरानी पेंशन की लड़ाई नई रणनीति के साथ लड़ी जायेगी। ये बातें शालेय शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने उन्हें राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रदेश संयोजक बनाये जाने पर विज्ञप्ती में कही।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के विभिन्न संगठन आपस में एक जुटता दिखाते हुए 27 वर्ष तक संघर्ष किया और फिर उन्हें संविलियन प्राप्त हुआ। संघ के जितने भी आंदालन हुए उसमें शिक्षकों ने कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया। इन आंदोलनों में शिक्षकों के संविलियन, क्रमोन्नत वेतनमान, वेतन विसंगति, अनुकम्पा नियुक्ति जैसे अहम मुद्दों को शासन ने दर किनार कर दिया था। लेकिन संगठनों ने अपनी इन मांगों को छोड़ा नही कई बड़े मंचो से मुख्यमंत्री के समक्ष सभी मांगो को उठाते रहे है।
वर्ष 2004 से पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया गया उसके बदले में नई पेंशन योजना लागू कर कर्मचारियों की बचत को निजी संस्थानों को सौप दी गई है जिससे कर्मचारियों का आर्थिक नुकसान हो रहा है। संविलियन उपरांत प्रदेश में कार्यरत शिक्षको की ओर से पुरानी पेंशन बहाली की मांग उठ रही है जिसको ध्यान में रख कर शालेय शिक्षाकर्मी संघ ने भी सभी मांगों के साथ पुरानी पेंशन बहाली की मांग को प्रमुखता से उठाने का फैसला लिया है इस हेतु राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के साथ मिलकर आगे की रणनीति पर काम करने का फैसला किया गया है। प्रदेश संयोजक एवं प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे के कहा कि प्रदेश के शिक्षको में असंभव को संभव करने की क्षमता है, पुरानी पेंशन बहाली, अनुकम्पा, वेतन विसंगति, क्रमोन्नत एवं सभी का संविलियन आदि मुद्दे को लेकर प्रदेश का शिक्षक एक जुटता के साथ लड़ाई करेगा। अपनी मांगों को लेकर निकट भविष्य में बड़ा कार्यक्रम हेतु रणनीति बनाई जा रही है।