जिसकी मौत में 23 लोग जेल में, वह जिंदा लौटा और फिर…

पटना                                                             
नौबतपुर थाना क्षेत्र के महमदपुर गांव में विगत 10 अगस्त को मॉब लिंचिंग में मृत व्यक्ति के शव की पहचान पुलिस के लिए अबूझ पहेली बन गई है। शुरुआती दौर में मृत व्यक्ति की पहचान रानी तालाब थाना क्षेत्र के निसरपुरा निवासी कृष्णा मांझी के रूप में की गई थी। मगर बाद में गायब कृष्णा कुछ समय बाद सकुशल घर लौट आया।

अब मृतक की शिनाख्त करना पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया है। सच्चाई पता लगाने के लिए पुलिस कृष्णा मांझी को नौबतपुर लाने की कवायद में जुटी है। इस मामले में आईजी रेंज संजय सिंह ने सिटी एसपी वेस्ट अभिनव कुमार को पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।

थानाध्यक्ष सम्राट दीपक ने कहा कि इस संबंध में वरीय अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। कृष्णा मांझी का अदालत में 164 का बयान भी कलमबंद कराया जाएगा। दूसरी ओर, कृष्णा की पत्नी रुदी देवी का आरोप है कि 12 अगस्त को दानापुर अनुमंडलीय अस्पताल में शव देखने गई तो देखा कि शव सड़ी गली अवस्था में है। पुलिस ने जबरन उसे कृष्णा मांझी का शव बता दाह संस्कार करने को सौंप दिया। इसके बाद कर्ज लेकर दाह संस्कार किया।

गौरतबल है कि कि बीते 10 अगस्त को नवही पंचायत के महमदपुर गांव में गांव के रास्ते से गुजर रहे एक राहगीर को बच्चा चोरी के आरोप में उन्मादी भीड़ ने जमकर लाठी डंडे से पिटाई कर उसे अधमरा कर दिया था। इलाज़ के क्रम में उसकी मौत हो गई थी। मृतक की पहचान कृष्णा मांझी के रूप में की गई थी। इस मामले में 23 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी।

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