मॉब लिंचिंग में मृत की शिनाख्त बनी अबूझ पहेली, जांच के आदेश

पटना 
नौबतपुर थाने के महमदपुर गांव में 10 अगस्त को भीड़ हिंसा में मारे गए व्यक्ति के शव की पहचान पुलिस के लिए अब तक अबूझ पहेली बन गई है। शुरुआती दौर में मृत व्यक्ति की पहचान रानीतालाब थाने के निसरपुरा निवासी कृष्णा मांझी के रूप में की गई थी। पर बाद में गायब कृष्णा कुछ समय बाद सकुशल घर लौट आया। 

सच्चाई पता लगाने के लिए पुलिस कृष्णा मांझी को नौबतपुर लाने की कवायद में जुटी है। वहीं, आईजी रेंज संजय सिंह ने सिटी एसपी वेस्ट अभिनव कुमार को जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। थानाध्यक्ष सम्राट दीपक ने बताया कि इस संबंध में वरीय अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। कृष्णा मांझी का कोर्ट में 164 का बयान भी कलमबंद कराया जाएगा। वहीं, कृष्णा की पत्नी रुदी देवी का आरोप है कि 12 अगस्त को दानापुर अनुमंडलीय अस्पताल में शव देखने गई तो देखा कि शव सड़ी-गली अवस्था में है। पुलिस ने जबरन उसे कृष्णा का शव बता दाह संस्कार करने को सौंप दिया। इसके बाद कर्ज लेकर दाह संस्कार किया।

क्या था मामला  
बीते 10 अगस्त को नवही पंचायत के महमदपुर गांव में भीड़तंत्र का क्रूर चेहरा देखने को मिला था। जब गांव के रास्ते से गुजर रहे एक राहगीर को बच्चा चोरी के आरोप में उन्मादी भीड़ ने जमकर लाठी-डंडे से पीटकर अधमरा कर दिया था। बेरहमी से की गई पिटाई की सूचना पर पहुंची पुलिस उसे रेफरल अस्पताल नौबतपुर ले आयी, लेकिन शरीर से ज्यादा खून बहने के कारण डॉक्टर ने उसे एम्स रेफर कर दिया, जहां उसकी मौत हो गई थी। मृतक की पहचान कृष्णा मांझी के रूप में की गई थी। 

इनकी हुई थी गिरफ्तारी
इस मामले में 23 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी, जिनमें रामबाबू पासवान, विराट, झुनू महतो, लाला पासवान, धर्मवीर, बिंदा चौधरी, मुकेश कुमार, सूरजभान, रंजीत कुमार, सुधीर महतो, ओपित पासवान, सोनू, मोनू, शिव पूजन पासवान, शत्रुघ्न चौधरी, नारायण चौधरी, पंकज कुमार, रामकरण चौधरी, विमोचन, संजय (महमदपुर) , लक्ष्मण साव (तिसखोरा), कुंदन (अल्हनपुरा), राहुल (आनंदपुर) शामिल हैं।

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