देहरादून
उत्तराखंड में महिला कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी की राजीव भवन में हुई बैठक में महिला कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा। कार्यकर्ताओं का कहना था कि यह क्या बात हुई? नगर निकाय, पंचायत, विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में जी-जान से मेहनत करें महिलाएं और टिकट बांटे जाएं पैसे वालों को। विधायक-पूर्व विधायकों की जिन पत्नियों का पार्टी कार्यक्रमों से कोई लेना-देना नहीं, उन्हें टिकट दे दिया जाता है। ऐसा उत्पीड़न भला महिला कार्यकर्ता सहे तो सहे कैसे?
नेताओं की पीड़ा : प्रदेश प्रभारी परविंदर कौर, प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य के सामने महिला कार्यकर्ताओं ने अपनी बात रखी। कार्यकर्ताओं का गुस्सा देखकर दोनों नेता चुपचाप सुनती रह गईं। सूत्रों के अनुसार, महिला नेताओं ने सीधे प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष से मुखातिब होकर कहा कि महिलाओं की उपेक्षा की जा रही है। जब राजनीति में भागीदारी की बात आती *है तो हमें दरकिनार कर दिया जाता है। आम कार्यकर्ता पर धनसंपन्न और एमपी-एमएलए की पत्नियां भारी पड़ जाती हैं। हरिद्वार जिलाध्यक्ष विमला पांडे, इमराना परवीन, रेनू बिष्ट समेत कई महिला नेताओं ने नाराजगी जताई। महानगर अध्यक्ष कमलेश रमन ने कहा कि महिला किसी स्तर पर कम नहीं हैं। उन्हें समान प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बात महिला कांग्रेस नेताओं को प्रदेश नेतृत्व और हाईकमान के सामने भी मजबूती से रखनी होगी।