ग्वालियर
कांग्रेस के बड़े नेताओं के बीच प्रदेश में सब कुछ ठीक चल रहा है। ये दावे कांग्रेस नेताओं के मुंह से सुनने को मिलते हैं लेकिन कई बार ऐसे उदाहरण सामने आ जाते हैं कि इन दावों की पोल खुल जाती है । रविवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ जब मंत्री कमलेश्वर पटेल से मीडिया ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के पत्र पर जवाब मांगा तो मंत्री ने जानकारी होने से ही इंकार कर दिया।
प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल भिंड जाने के लिए रविवार को ग्वालियर पहुंचे। कांग्रेस नेताओं ने मंत्री का स्वागत किया। इस दौरान जब मीडिया ने मंत्री पटेल से कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा मुख्यमंत्री कमलनाथ को लिखे गए उनके विभाग से सम्बंधित पत्र पर जवाब माँगा तो उन्होंने कहा कि इसकी उन्हें जानकारी नहीं हैं ।
गौरतलब है कि पिछले दिनों एक बैठक में पंचायत से जुड़े प्रतिनिधियों ने कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपनी परेशानियां बताई थीं। उसके बाद बीते 11 अक्टूबर को सिंधिया ने पंचायत प्रतिनिधियों को ट्रांसफर, पोस्टिंग और पंचायत विकास के फंड का इस्तेमाल अपनी मर्जी से करने का अधिकार देने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखा था। साथ ही पत्र पर की जाने वाली कार्यवाही से अवगत कराने का अनुरोध भी किया था। लेकिन हैरानी की बात ये है कि मुख्यमंत्री को लिखे गए इस पत्र की विभागीय यानि पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल को जानकारी तक नहीं है। इससे जुड़े सवाल करने पर पटेल ने पंचायतों को अधिकार देने की मांग वाले पत्र को लेकर कहा कि चुनाव के बाद पंचायतों को नए स्वरूप में लाएंगे, पंचायत के जनप्रतिनिधियों को पहले की तरह भरपूर अधिकार दिए जाएंगे। पत्र और गुटबाज़ी को लेकर पटेल ने कहा प्रदेश में सीएम कमलनाथ, सिंधिया जी और दिग्विजय सिंह के बीच अच्छा समन्वय है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के मन में कुछ होता तो विदिशा मेडिकल कॉलेज कैलाशवासी पूर्व मंत्री माधवराव सिंधिया के नाम पर नहीं होता। बहरहाल सिंधिया जैसे बड़े नेता द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे पत्र की जानकारी विभागीय मंत्री के पास नहीं होना कई तरह के सवाल जरूर खड़े करता है।